Edited By Mehak,Updated: 27 Sep, 2025 05:48 PM

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि दुनिया की लगभग 80% समस्याओं के पीछे बुज़ुर्ग नेता हैं, जो सत्ता पर लंबे समय तक बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता हर चीज़ पर अपना नाम दर्ज करवाने में लगे रहते हैं और हार मानने को तैयार नहीं होते। यह...
इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में बुज़ुर्ग नेताओं को लेकर तंज कसा है। ओबामा ने कहा कि दुनिया की लगभग 80 फीसदी समस्याओं के पीछे ऐसे बुज़ुर्ग नेता हैं, जो सत्ता पर लंबे समय तक बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता हार मानने को तैयार नहीं होते और हर चीज़ पर अपना नाम लिखवाने की कोशिश करते हैं। विशेष रूप से यह टिप्पणी 77 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप पर कटाक्ष के रूप में देखी जा रही है।
बुज़ुर्ग नेताओं पर ओबामा की टिप्पणी
64 वर्षीय ओबामा ने लंदन में ब्रिटिश इतिहासकार डेविड ओलुसोगा से बातचीत के दौरान बताया कि बुज़ुर्ग नेता सत्ता में बने रहने के लिए कभी रास्ता नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा, 'अकसर ऐसे लोग अपने महत्व और ताकत बढ़ाने के लिए पिरामिड बनाते हैं और हर चीज़ पर अपना नाम दर्ज करवाते हैं। नेताओं को याद रखना चाहिए कि उनका काम जनता के लिए है, जीवनभर सत्ता के लिए नहीं।' ओबामा ने 2019 में भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए थे। तब उन्होंने कहा था कि आमतौर पर बूढ़े लोग ही सत्ता में बने रहते हैं और दुनिया की समस्याओं का समाधान करने में बाधा बनते हैं।
ट्रंप का नेशनल गार्ड के सैनिकों को समर्थन
ओबामा की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती का समर्थन किया। ट्रंप ने कहा था कि राजधानी में बढ़ते हिंसक अपराधों को रोकने के लिए असाधारण कदम उठाना जरूरी है। उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें तानाशाह नहीं, बल्कि समझदार और बुद्धिमान व्यक्ति कहा जाए।
पैरासिटामोल विवाद पर भी ट्रंप को घेरा
ओबामा ने ट्रंप की पैरासिटामोल और शिशुओं में ऑटिज़्म संबंधी टिप्पणी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे वैज्ञानिक तथ्यों के खिलाफ और खतरनाक हैं। ओबामा ने बताया कि अमेरिका और मानवता के भविष्य को लेकर दो नजरियों के बीच संघर्ष चल रहा है। उन्होंने कहा कि जहां प्रगतिशील सोच वाले लोग लोकतंत्र के जरिए बदलाव चाहते हैं, वहीं ट्रंप जैसे नेता पुराने और रूढ़िवादी दृष्टिकोण की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं।