Edited By Mehak,Updated: 27 Sep, 2025 03:42 PM

कोरोना वायरस का नया वेरिएंट XFG या स्ट्रेटस फिर चिंता बढ़ा रहा है। यह जनवरी 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया और अब कई देशों में फैल चुका है। इसके लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, गले में दर्द, सिरदर्द, पेट खराब होना और दिमागी थकान शामिल हैं।...
नेशनल डेस्क : पिछले कुछ सालों में कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को मौत के मुंह में डाल दिया था। हालांकि वैक्सीन और इलाज ने लोगों को राहत दी, लेकिन वायरस के नए वेरिएंट चिंता का कारण बने हुए हैं। हाल ही में कोरोना का नया वेरिएंट XFG या स्ट्रेटस सामने आया है, जो इस साल जनवरी में सबसे पहले दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया था और अब कई देशों में फैल चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं और सतर्कता बरतना जरूरी है।
दुनिया भर में बढ़ता खतरा
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार स्ट्रेटस वेरिएंट जनवरी 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया। जून तक यह 38 देशों में फैल चुका था। वहीं अमेरिका के CDC का कहना है कि अमेरिका के नौ राज्यों - न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, डेलावेयर, वर्मोंट, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं।
निंबस वेरिएंट के बाद स्ट्रेटस
स्ट्रेटस वेरिएंट से पहले कोरोना का निंबस वेरिएंट आया था, जिसे बहुत संक्रामक और गंभीर माना गया। निंबस के संक्रमित लोगों में गले में तेज दर्द यानी रेजर ब्लेड 'Sore Throat' जैसे लक्षण देखे गए थे। अब नया स्ट्रेटस वेरिएंट भी तेजी से फैल रहा है और इसके लक्षण अलग-अलग रूप में सामने आ रहे हैं।
स्ट्रेटस वेरिएंट के मुख्य लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड़न
- गले में खराश या खिंचाव जैसा दर्द
- सिरदर्द और पूरे शरीर में दर्द
- पेट खराब रहना या भूख न लगना
- मतली या उल्टी जैसा अहसास
- दिमागी थकान, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत
- स्वाद और गंध का कम या न आना
राहत कैसे मिलेगी
- डॉक्टर की सलाह पर एंटीवायरल दवाएं ली जा सकती हैं
- शुरुआती लक्षणों में गुनगुना पानी पीना, भाप लेना, हल्दी-दूध का सेवन राहत पहुंचा सकता है
- बुखार या दर्द होने पर सामान्य दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर से पूछे बिना दवा न लें
- पर्याप्त आराम और संतुलित आहार रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं
विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वेरिएंट लगातार बदलेंगे, इसलिए सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, हाथ धोना, संतुलित आहार लेना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना बेहद जरूरी है।