Edited By Pardeep,Updated: 24 Nov, 2025 10:23 PM

अमेरिका में 47 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत एक बेहद दुर्लभ और खतरनाक एलर्जी अल्फ़ा-गैल सिंड्रोम (Alpha-gal Syndrome – AGS) के कारण हुई है।
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका में 47 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत एक बेहद दुर्लभ और खतरनाक एलर्जी अल्फ़ा-गैल सिंड्रोम (Alpha-gal Syndrome – AGS) के कारण हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह दुनिया में दर्ज किया गया पहला मामला है जिसमें किसी व्यक्ति की मौत रेड मीट से हुई एलर्जी के चलते हुई। यह जानकारी NBC News और The Journal of Allergy and Clinical Immunology: In Practice में प्रकाशित शोध से सामने आई है।
क्या था पूरा मामला?
न्यू जर्सी का यह व्यक्ति पहले से ही अल्फ़ा-गैल एलर्जी से पीड़ित था। अल्फ़ा-गैल एक प्रकार की शुगर है जो लाल मांस (बीफ़, पोर्क, लैम्ब) में पाई जाती है। यह एलर्जी टिक (Lone Star tick) नामक कीड़े के काटने से होती है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बदल देता है।मौत से कुछ घंटे पहले व्यक्ति ने एक बीफ़ वाला बर्गर खाया था। खाने के कुछ घंटों बाद ही उसे तेज़ उल्टियां, एलर्जिक रिएक्शन शुरू हो गया — और यह एनाफिलेक्सिस (बहुत गंभीर एलर्जिक शॉक) में बदल गया।
डॉक्टर्स ने बताया कि अगर उस समय उसे एलर्जी के रूप में पहचाना जाता और तुरंत एपी-पेन (Epinephrine) दी जाती, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
ऑटोप्सी में क्या मिला?
शरीर में हृदय, फेफड़ों, दिमाग या पेट में कोई गंभीर बीमारी या नुकसान नहीं मिला। इसलिए मौत को पहले “Sudden unexplained death” माना गया। बाद में विशेषज्ञों ने विस्तृत रिपोर्ट देखी और पुष्टि की कि यह अल्फ़ा-गैल एलर्जी से हुई एनाफिलेक्सिस का मामला था।शोधकर्ताओं की टीम ने इसे दुनिया का पहला दर्ज किया गया घातक AGS मामला बताया।
अल्फ़ा-गैल सिंड्रोम (AGS) क्या है?
यह एक खतरनाक एलर्जी है, जो लाल मांस खाने से अचानक जानलेवा प्रतिक्रिया पैदा कर सकती है। AGS टिक के काटने से होती है — टिक के लार में मौजूद तत्व शरीर को लाल मांस के प्रति संवेदनशील बना देते हैं। मरीज को मांस खाने के 3–6 घंटे बाद एलर्जिक हमला हो सकता है।
लक्षण:
डॉक्टर्स ने क्या कहा?
डॉ. थॉमस प्लैट्स-मिल्स—जिन्होंने अल्फ़ा-गैल सिंड्रोम की खोज की थी—ने कहा: “सबसे बड़ा दुख यह है कि परिवार ने इसे एलर्जी अटैक नहीं समझा। अगर समय पर पहचान होती, तो जान बचाई जा सकती थी।”
क्या इसका इलाज है?
नहीं, अल्फ़ा-गैल का कोई इलाज नहीं है। मरीज को आजीवन रेड मीट और उससे बने सभी उत्पादों से दूर रहना पड़ता है। जिन लोगों को शक हो, वे ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। डॉक्टर ऐसे लोगों को हमेशा एपिपेन साथ रखने की सलाह देते हैं।
इस केस से क्या सीख मिलती है?
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टिक-बाइट (कीड़े का काटना) को हल्के में न लें।
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अगर किसी को रेड मीट खाने के बाद बार-बार एलर्जी हो, तो तुरंत टेस्ट करवाएं।
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AGS वाले व्यक्ति के लिए रेड मीट खाना जानलेवा हो सकता है।