Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Aug, 2025 01:45 PM

मेक्सिको की सीनेट में विदेशी सशस्त्र बलों की मौजूदगी पर बहस के बाद विपक्षी नेता अलेजांद्रो मोरेनो और सीनेट अध्यक्ष गेरार्डो नोरोना के बीच हाथापाई हुई। मोरेनो ने नोरोना को धक्का दिया और जान से मारने की धमकी दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो...
इंटरनेशनल डेस्क: मेक्सिको की सीनेट में बीते बुद्धवार यानि 28 अगस्त 2025 को उस समय हंगामा मच गया जब वहां की संसद में बहस के दौरान आपसी कहासुनी हाथापाई में बदल गई। संसद कुश्ती का अखाड़ा सा नजर आया। बता दें यह घटना उस समय हुई जब सीनेट की कार्यवाही समाप्त हो चुकी थी और सभी सांसद राष्ट्रगान गा रहे थे। वीडियो लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए घटना का वीडियो पूरी दुनिया ने देखा जिसमें संसद के भीतर कुर्सियां छोड़कर नेता एक-दूसरे को धकेलते और मुक्के चलाते नजर आ रहे थे।
कुश्ती का 'अखाड़ा' क्यों बना संसद?
संसद की कार्यवाही के बाद सभी सांसदों के बीच यह झगड़ा उस वक्त शुरू हुआ जब सीनेट में विदेशी सशस्त्र बलों की मेक्सिको में मौजूदगी को लेकर चर्चा चल रही थी। बता दे कि इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं। बहस के दौरान माहौल इतना गर्म हो गया कि सीनेट अध्यक्ष और विपक्षी नेता आमने-सामने आ गए और संसद को कुश्ती का 'अखाड़ा' बना दिया।
विपक्षी नेताओं का फूटा गुस्सा
इस पूरे विवाद की शुरुआत विपक्षी पार्टी इंस्टीट्यूशनल रिवॉल्यूशनरी पार्टी (PRI) के प्रमुख अलेजांद्रो अलिटो मोरेनो से हुई। वह कार्यवाही के बीच में ही बार-बार बोलने की अनुमति मांग रहे थे और कह रहे थे- मुझे बोलने दो, मुझे बोलने दो। उन्होंने सीनेट अध्यक्ष गेरार्डो फर्नांडीज नोरोना का हाथ भी पकड़ लिया था। जब मोरेनो ने सीनेट अध्यक्ष नोरोना को छुआ तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया- मुझे छूना मत! लेकिन ये पूरा मामला यहीं नहीं थमा। दोनों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। हाथापाई के बाद सीनेट अध्यक्ष नोरोना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मोरेनो ने उन्हें सिर्फ धक्का ही नहीं दिया बल्कि गाली-गलौज भी की और जान से मारने की धमकी तक दे डाली। उन्होनें आगे बताया कि मोरेनो ने उन्हें कहा कि 'मैं तुझे मार डालूंगा!'
विश्वभर में हो रही इस घटना की चर्चा
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है। देश भर के नागरिकों और पत्रकारों ने भी इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया है। वहीं ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने सांसदों की इस हरकत की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। कुछ सांसदों ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया है और मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषी को सजा मिले।