Nepal: नेपाल में फेसबुक-X-यूट्यूब बैन को लेकर भड़के Gen-Z, संसद में घुस किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने की हवाई फायरिंग

Edited By Updated: 08 Sep, 2025 01:51 PM

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ ‘Gen-Z रिवोल्यूशन’ नाम से जोरदार प्रदर्शन हुआ। हजारों युवा सड़कों पर उतर आए और संसद परिसर में घुस गए। पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया है...

इंटरनेशनल डेस्क : नेपाल की राजधानी काठमांडू में रविवार को सोशल मीडिया बैन के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। ‘Gen-Z रिवोल्यूशन’ के नाम से शुरू हुए इस आंदोलन में हज़ारों की संख्या में युवा, खासतौर पर Gen-Z लड़के और लड़कियां सड़कों पर उतर आए। विरोध इतना उग्र हो गया कि प्रदर्शनकारी संसद परिसर में भी घुस गए, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस और पानी की बौछारों का सहारा लेना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है।

सोशल मीडिया बैन बना विरोध की वजह

दरअसल, नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप समेत कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने नेपाल में न तो अपने स्थानीय कार्यालय खोले हैं और न ही टैक्सपेयर के रूप में पंजीकरण कराया है।

नेपाल में साल 2024 में लागू किए गए नए साइबर कानून के तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराना और स्थानीय स्तर पर संचालन शुरू करना अनिवार्य है। सरकार का तर्क है कि इस कदम से फेक न्यूज़, भड़काऊ कंटेंट और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी। हालांकि, इस फैसले की व्यापक आलोचना हो रही है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया जा रहा है।

युवाओं का फूटा गुस्सा
सोशल मीडिया बैन के खिलाफ देशभर के युवाओं ने 8 सितंबर से आंदोलन की शुरुआत की है। इसे ‘Gen-Z रिवोल्यूशन’ नाम दिया गया है। इस आंदोलन के दौरान काठमांडू की सड़कों पर हज़ारों युवा सरकार विरोधी नारे लगाते हुए दिखाई दिए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में भी घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान कई घंटों तक मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित कर दी गईं।

मेयर ने किया समर्थन
काठमांडू के मेयर ने इस युवा आंदोलन को समर्थन दे दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि युवाओं को यह समझना चाहिए कि कानून तोड़ने के क्या परिणाम होते हैं। प्रधानमंत्री ओली की सरकार पहले से ही विपक्ष और जनता के एक वर्ग की आलोचना का सामना कर रही है। हाल के महीनों में राजशाही समर्थकों के बढ़ते प्रदर्शनों और सरकार विरोधी भावनाओं को देखते हुए सोशल मीडिया पर बैन को दबाव में लिया गया फैसला माना जा रहा है।

सिर्फ कुछ ही प्लेटफॉर्म्स ने किया रजिस्ट्रेशन
नेपाल सरकार के अनुसार, अब तक केवल कुछ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव ने देश में अपने कार्यालय पंजीकृत कराए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक बाकी कंपनियां नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं करातीं और संचालन के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करतीं, तब तक सोशल मीडिया बैन जारी रहेगा।

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