Edited By Parveen Kumar,Updated: 09 Sep, 2025 01:22 AM

भारी विरोध और प्रदर्शनों के बाद नेपाल सरकार ने आखिरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। इस फैसले से पहले राजधानी काठमांडू और देश के कुछ अन्य हिस्सों में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया था। इन झड़पों में कम से कम 20 लोगों की मौत...
नेशनल डेस्क: भारी विरोध और प्रदर्शनों के बाद नेपाल सरकार ने आखिरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। इस फैसले से पहले राजधानी काठमांडू और देश के कुछ अन्य हिस्सों में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया था। इन झड़पों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए।
गृह मंत्री ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा: देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए, नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
सेना की तैनाती: स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राजधानी काठमांडू में नेपाली सेना को तैनात किया गया था। सैनिकों ने संसद भवन के आसपास के इलाकों को अपने नियंत्रण में ले लिया।
हिंसक झड़पें और मौतें
यह प्रदर्शन मुख्य रूप से 'जेन Z' (युवा पीढ़ी) के नेतृत्व में हो रहा था, जिसमें स्कूली छात्रों सहित हजारों युवा शामिल थे। ये प्रदर्शनकारी संसद भवन के सामने जमा हुए और सरकार विरोधी नारे लगाए। पुलिस की कार्रवाई: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब कुछ प्रदर्शनकारी जबरन संसद परिसर में घुस गए, तो पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।