नेपाल के राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा को किया भंग, इस तारीख को होंगे संसदीय चुनाव

Edited By Updated: 13 Sep, 2025 06:48 AM

nepal s president dissolved the house of representatives

नेपाल में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शुक्रवार रात बड़ा फैसला सामने आया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा (संसद) को भंग कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब देश लगातार राजनीतिक...

इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शुक्रवार रात बड़ा फैसला सामने आया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा (संसद) को भंग कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब देश लगातार राजनीतिक अस्थिरता, युवाओं के विरोध और भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा था।

संसद भंग, चुनाव की तारीख घोषित

राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार: संसद को 12 सितंबर 2025 रात 11 बजे से भंग कर दिया गया है। नए संसदीय चुनाव 21 मार्च 2026 को कराए जाएंगे। नई सरकार को छह महीने में चुनाव कराने की संवैधानिक जिम्मेदारी दी गई है।

सुशीला कार्की बनीं नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री

इस राजनीतिक फेरबदल के तहत पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की ने शुक्रवार रात नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

  • कार्की एक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी।

  • राष्ट्रपति पौडेल ने उन्हें संवैधानिक अनुच्छेदों के तहत नियुक्त किया है।

  • शपथ ग्रहण समारोह में प्रधान न्यायाधीश, सेना प्रमुख, राजनयिक, वरिष्ठ अफसर और कुछ राजनीतिक नेता मौजूद थे।

पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई इस कार्यक्रम में उपस्थित एकमात्र पूर्व प्रधानमंत्री थे।

क्यों देना पड़ा केपी शर्मा ओली को इस्तीफा?

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को जनता के भारी विरोध, खासकर जेन जेड (Gen Z) युवाओं के प्रदर्शनों के चलते मंगलवार को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, और नौकरियों में पक्षपात जैसे गंभीर आरोप लगाए।

विरोध में देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें कम से कम 51 लोगों की मौत हुई, जिनमें एक भारतीय नागरिक भी शामिल था। इसके बाद, राष्ट्रपति ने प्रमुख दलों, कानूनी विशेषज्ञों और सिविल सोसायटी के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त करने का निर्णय लिया।

जेन Z युवाओं ने मनाया जीत का जश्न

जैसे ही सुशीला कार्की की नियुक्ति की खबर सार्वजनिक हुई, काठमांडू में स्थित राष्ट्रपति भवन शीतल निवास के बाहर बड़ी संख्या में Gen Z प्रदर्शनकारियों ने खुशी से नारेबाज़ी की और जश्न मनाया। ये वही युवा हैं जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं और हाल के महीनों में नेपाल में सोशल रिफॉर्म और पारदर्शिता की मांग को लेकर सबसे मुखर रहे हैं। उनकी मांगों में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटाना और सरकारी जवाबदेही शामिल थी।

नेपाल के लिए आगे की राह

नेपाल फिलहाल एक संवेदनशील और संक्रमणकालीन दौर से गुजर रहा है। एक तरफ जनता की आक्रोशित आवाज, तो दूसरी तरफ सरकार की संवैधानिक मजबूरियां। इस बीच, सुशीला कार्की की नियुक्ति को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि नेपाल में गंभीर राजनीतिक सुधारों और जनसंवाद की संभावना अब बढ़ रही है।

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