Edited By Parveen Kumar,Updated: 05 Dec, 2025 10:14 PM

भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे छह विशेष उपहार भेंट किए, जिनमें भारत की आत्मा, परंपरा और मित्रता की गहरी छाप दिखाई देती है। ये तोहफ़े सिर्फ़ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत–रूस संबंधों की...
नेशनल डेस्क: भारत दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे छह विशेष उपहार भेंट किए, जिनमें भारत की आत्मा, परंपरा और मित्रता की गहरी छाप दिखाई देती है। ये तोहफ़े सिर्फ़ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत–रूस संबंधों की गर्मजोशी और सांस्कृतिक समृद्धि के प्रतीक माने जा रहे हैं।
पहला उपहार था असम की मशहूर ब्लैक टी- अपने गाढ़े रंग, मज़बूत स्वाद और अनोखी सुगंध के लिए प्रसिद्ध यह चाय भारत की चाय परंपरा और खेती की विरासत को दुनिया भर में पहचान दिलाती है।
दूसरे उपहार के रूप में दिया गया मुरादाबाद का सिल्वर टी सेट, जिसकी नाज़ुक कारीगरी भारत और रूस के साझा टी कल्चर की दोस्ताना भावना को दर्शाती है। यह उपहार दोनों देशों के सभ्यताओं को जोड़ने वाले सरल लेकिन गहरे सांस्कृतिक धागे को उजागर करता है।

तीसरा तोहफ़ा था महाराष्ट्र की कला झलकाता खूबसूरत सिल्वर हॉर्स। इसका आगे दौड़ता हुआ स्वरूप भारत–रूस संबंधों की गति, ऊर्जा और लगातार मजबूत होते कदमों का प्रतीक माना गया है।

चौथे उपहार के तौर पर पीएम मोदी ने पुतिन को दिया आगरा की प्रसिद्ध शिल्पकला से बना मार्बल चेस सेट। सेमी-प्रेशियस स्टोन और बारीक इनले वर्क से सजा यह सेट भारतीय शिल्पकारों की अद्भुत निपुणता और कलात्मक विरासत का प्रतीक है।

पांचवां तोहफ़ा था कश्मीर का अनमोल ‘लाल सोना’- ज़ाफ़रान (केसर), जिसे जीआई टैग प्राप्त है। यह न सिर्फ कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत का दूत है, बल्कि भारत की प्राकृतिक समृद्धि और परंपराओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।

आख़िर में, पीएम मोदी ने पुतिन को भेंट की श्रीमद्भगवद्गीता का रूसी अनुवाद- ऐसा आध्यात्मिक ग्रंथ, जो जीवन, कर्तव्य और आत्मचिंतन की दिशा में मार्गदर्शन देता है। यह उपहार भारत की आध्यात्मिक जड़ों का सशक्त संदेश अपने भीतर समेटे हुए है।

ये छह तोहफ़े मिलकर एक ऐसी कहानी कहते हैं, जिसमें भारत की संस्कृति, कला, प्रकृति और अध्यात्म- सभी रूस के साथ दोस्ती के सेतु के रूप में चमकते हैं।