दूध भी अब Non-Veg आखिर क्या है ये मसला और क्यों हो रही इसकी चर्चा? जो भारत-अमेरिका ट्रेड डील में बना रोड़ा

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 06:57 PM

non veg milk controversy india us dairy trade issue

हाल के दिनों में "नॉन वेज मिल्क" यानी मांसाहारी दूध को लेकर सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक बहस छिड़ी हुई है। भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापारिक समझौता इसी मुद्दे पर अटक गया है। सवाल यह है कि जो दूध परंपरागत रूप से शाकाहारी माना जाता...

इंटरनेशनल डेस्क : हाल के दिनों में "नॉन वेज मिल्क" यानी मांसाहारी दूध को लेकर सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक बहस छिड़ी हुई है। भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापारिक समझौता इसी मुद्दे पर अटक गया है। सवाल यह है कि जो दूध परंपरागत रूप से शाकाहारी माना जाता है, वह अचानक "नॉन वेज" कैसे हो गया? इस रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर यह "नॉन वेज मिल्क" है क्या, और इसके चलते भारत-अमेरिका के बीच क्या तनातनी चल रही है।

क्या है "नॉन वेज मिल्क"?
दुनियाभर में गाय और भैंस के दूध का सबसे अधिक उपयोग होता है। ये जानवर शाकाहारी होते हैं और पारंपरिक रूप से इनके दूध को भी शुद्ध शाकाहारी माना जाता है। भारत में दूध का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। पूजा-पाठ से लेकर दैनिक आहार तक, दूध हर जगह शामिल है। लेकिन अमेरिका में तस्वीर थोड़ी अलग है। वहां दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए गायों को ऐसा चारा खिलाया जाता है जिसमें मांस उद्योग का कचरा शामिल होता है। यानी गाय को प्रोटीन के रूप में मांस, खून और मछली जैसे पदार्थ दिए जाते हैं। इसी कारण ऐसे दूध को "नॉन वेज मिल्क" कहा जाने लगा है।

पशु-अधिकार कार्यकर्ताओं की आपत्ति
"नॉन वेज मिल्क" की बहस का एक और पहलू भी है। पशु-अधिकार कार्यकर्ता कहते हैं कि दूध उत्पादन की प्रक्रिया ही अमानवीय है। गायों को बार-बार गर्भवती किया जाता है, बछड़े को मां से अलग कर दिया जाता है और कई बार दूध के लिए उन्हें असहनीय पीड़ा सहनी पड़ती है। इस क्रूरता के चलते कुछ लोग पारंपरिक दूध को भी पूरी तरह शाकाहारी नहीं मानते हैं।

अमेरिका में क्या खिला रही हैं गायों को?
नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक GTRI (Global Trade Research Institute) के अजय श्रीवास्तव के अनुसार, “कल्पना कीजिए कि आप उस गाय के दूध से बना मक्खन खा रहे हैं जिसे दूसरी गाय का मांस और खून दिया गया हो।”
द सिएटल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में गायों को ऐसा चारा दिया जाता है जिसमें सूअर, मछली, मुर्गी, घोड़े, यहां तक कि कुत्ते और बिल्ली के अंग भी शामिल हो सकते हैं। गायों को प्रोटीन के लिए सूअर और घोड़े का खून भी दिया जाता है।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील में क्यों बना यह मुद्दा रोड़ा?
भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। धार्मिक अनुष्ठान और पारंपरिक समारोह दूध के बिना अधूरे माने जाते हैं। ऐसे में अगर अमेरिकी गायों का दूध भारतीय बाजार में आता है, तो यह सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील मुद्दा बन सकता है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने डेयरी सेक्टर को विदेशी निवेश और आयात के लिए खोले। लेकिन भारत इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। "नॉन वेज मिल्क" को लेकर भारत की स्थिति बेहद स्पष्ट और सख्त है। यही कारण है कि यह मुद्दा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही ट्रेड डील को प्रभावित कर रहा है। USRT (United States Trade Representative) की NTE (National Trade Estimate) रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने उन डेयरी उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है जो उन गायों से प्राप्त होते हैं जिन्हें मांस या खून युक्त चारा खिलाया गया हो।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!