मोदी की अमेरिका की नामी कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक, भारत में निवेश के लिये किया प्रोत्साहित

Edited By Updated: 24 Sep, 2021 12:33 AM

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वाशिंगटन, 23 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी उद्योग जगत के शीर्ष पांच प्रमुख उद्योगपतियों के साथ अलग अलग बैठकें की और उन्हें भारत में उपलब्ध व्यापक संभावनाओं के बारे में बताया तथा निवेश बढ़ाने के लिये...

वाशिंगटन, 23 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी उद्योग जगत के शीर्ष पांच प्रमुख उद्योगपतियों के साथ अलग अलग बैठकें की और उन्हें भारत में उपलब्ध व्यापक संभावनाओं के बारे में बताया तथा निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया।

मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे। अपने दौरे की शुरुआत करते हुये उन्होंने क्वालकॉम, एडोब, फर्स्ट सोलर, जनरल एटोमिक्स और ब्लैक स्टोन के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ अलग-अलग बैठकें की। ये वे कंपनियां हैं, जो 5जी, सेमीकंडक्टर, रक्षा प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दुनिया में चर्चित हैं।
मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ पहली बार आमने-सामने की बैठक करेंगे।
उद्योगपतियों से मुलाकात से पहले मोदी ने कहा था कि वह प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे और भारत में आर्थिक अवसरों के बारे में बताएंगे।

मोदी की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी क्वालकॉम के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टिआनो अमोन तथा फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘प्रौद्योगिकी पर बातचीत...। बातचीत सार्थक रही।’’
पीएमओ के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में उपलब्ध व्यापक अवसरों के बारे में बताया। अमोन ने कहा कि वह 5जी और डिजिटल इंडिया से जुड़ी अन्य योजनाओं में भारत के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।’’
क्वालकॉम ने 1996 में काम शुरू किया और वह वायरलेस मोडेम और मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग (डीएसपी) और डिजिटल मीडिया नेटवर्किंग समाधान जैसे क्षेत्रों में अग्रणी है।

भारत में क्वालकॉम ने उन कंपनियों में निवेश किया है जो डेयरी, परिवहन से लेकर रक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख घरेलू मुद्दो का समाधान करते हैं।

मोदी ने बैठक को सार्थक बताया और कहा कि उन्होंने भारत में लोगों की भलाई के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रौद्योगिकी अवसरों पर बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी भारत के 5जी को लेकर जारी पहल और ‘कनेक्टिविटी’ बेहतर करने को लेकर पीएम- वानी (वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) में रूचि है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘भारत को वैश्विक नवप्रवर्तन केंद्र बनाने की ओर। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टिआनो अमोन के साथ भारत में उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश अवसरों पर बातचीत की। हाल में घोषित इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं तथा नवप्रवर्तन परिवेश को मजबूत बनाने के उपायों पर भी चर्चा हुई।’’
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार दोनों ने भारत में दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश अवसरों पर चर्चा की। इसमें हाल में घोषित इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के साथ भारत में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखला का विकास शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत में स्थानीय नवोन्मेष परिवेश सृजित करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।’’
फर्स्ट सोलर के विडमर के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य के बारे में चर्चा की और अग्रणी सौर पैनल विनिर्माता के देश में निवेश के लिये स्वागत किया।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सौर ऊर्जा का विषय मेरे हृदय के करीब है क्योंकि यह यह हमारे ग्रह के भविष्य से जुड़ा है। फर्स्ट सोलर के सीईओ के साथ बैठक की और यह चर्चा की कि क्यों भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिये सही गंतव्य है। हरित हाइड्रोजन मिशन पर भी चर्चा हुई।’’

इससे पहले, बागची ने कहा, ‘‘... दोनों ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य पर चर्चा की। बागची ने ट्वीट किया कि विडमर ने बैठक के दौरान अनूठी ‘थिन-फिल्म’ प्रौद्योगिकी के साथ सौर बिजली उपकरण विनिर्माण को लेकर भारत सरकार की महत्वकांक्षी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के उपयोग तथा भारत को इस मामले में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने की योजना साझा की।’’
फर्स्ट सोलर ने भारत में 150 मेगावाट सौर बिजली को सफलतापूर्वक चालू किया है और देश में 1800 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित की है। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने भारत में एक नई 3300 मेगावाट क्षमता की इकाई स्थापित करने की घोषणा की थी। कंपनी भारत की 2022 तक एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान दे रही है।’’
पीएमओ के ट्वीट के अनुसार विडमर के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने ‘एक दुनिया, एक सूर्य और एक ग्रिड’ पहल और इसकी संभावना तथा निवेश अवसरों के बारे में भी चर्चा की।
मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने भारत की 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत के सौर ऊर्जा उपकरणों के विनिर्माण पर जोर दिये जाने के बारे में भी बताया।
बागची के अनुसार एडोब के सीईओ शांतनु नारायण के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कंपनी की भारत में चल रही गतिविधियों और भविष्य की निवेश योजनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘...भारत के प्रमुख कार्यक्रम डिजिटल इंडिया और स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भी चर्चा हुई।’’
मोदी और नारायण दोनों ने कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में कुछ उतकृष्टता केंद्र बनाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने बाद में ट्विटर पर लिखा, ‘‘एडोब के शांतनु नारायण भारत के अच्छे मित्र हैं। मैंने उनके साथ शिक्षा प्रौद्योगिकी, भारतीय स्टार्ट-अप को समर्थन और नवोन्मेष बढ़ाने से जुड़े दिलचस्प विचारों पर चर्चा की। शांतनु ने भारत के हर बच्चे तक वीडियो और एनिमेशन का आनंद पहुंचाने की इच्छा व्यक्त की।’’
नारायण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा है कि चीजों को आगे बढ़ाने के प्रौद्योगिकी एक रास्ता है।’’ उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने खासकर तेजी से टीकाकरण के लिये भारत के प्रयासों की सराहना की।
मोदी ने जनरल एटोमिक्स के सीईओ विवेक लाल और ब्लैक स्टोन के ए श्वार्जमैन से भी मुलाकात की। इस बैठक पर पीएमओ ने ट्विटर पर लिखा है कि प्रधानमंत्री और लाल ने भारत के ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की पहल समेत महत्वपूर्ण सुधारों तथा पीएलआई योजना पर चर्चा की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को मजबूत करने की बातचीत की। लाल ने भारत में रक्षा और उभरती हुई प्रौद्योगिकी निर्माण तथा क्षमता निर्माण में तेजी लाने के लिए हाल में किये गये नीतिगत परिवर्तनों की सराहना की।’’
जनरल एटोमिक्स ने भारत में अपना पहला कार्यालय 2018 में खोला और भारत-अमेरिका रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने में उल्लेखनीय योगदान दे रही है। कंपनी ने भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिये समाधान विकसित करने और क्षमता निर्माण के लिये भारतीय कंपनियों के साथ भागीदारी की है।

ब्लैकस्टोन के सीईओ के साथ बैठक के बारे में पीएमओ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘... प्रधानमंत्री मोदी ने ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीफन श्वार्जमैन के साथ बैठक की। इस दौरान भारत में मौजूदा परियोजनाओं और राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना तथा राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन समेत आगे निवेश अवसरों पर चर्चा हुई।’’
रियल एस्टेट फंड ब्लैकस्टोन ने भारत में 2006 में काम शुरू किया और निजी इक्विटी, रियल एस्टेट, शिक्षा, फैशन, पैकेजिंग तथा आवास वित्त समेत विभिन्न क्षेत्रों में करीब 15 अरब डॉलर निवेश किया है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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