Edited By Mehak,Updated: 17 Sep, 2025 04:47 PM

आज की दुनिया जहां डिजिटल युग की ओर तेजी से बढ़ रही है, वहीं अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने उल्टा कदम उठाया है। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर उत्तरी बल्ख प्रांत में फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट यानी वाई-फाई सेवाओं पर पूरी तरह से...
नेशनल डेस्क : आज की दुनिया जहां डिजिटल युग की ओर तेजी से बढ़ रही है, वहीं अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने उल्टा कदम उठाया है। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर उत्तरी बल्ख प्रांत में फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट यानी वाई-फाई सेवाओं पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है।
सरकारी और निजी संस्थान भी प्रभावित
इस आदेश के बाद बल्ख प्रांत के सरकारी दफ्तर, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थान और आम घरों में अब वाई-फाई इंटरनेट की सुविधा नहीं रहेगी। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं फिलहाल चालू रहेंगी। प्रांतीय प्रवक्ता हाजी अताउल्लाह जैद ने बताया कि जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में वैकल्पिक व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी।
अगस्त 2021 के बाद पहली बार बड़ा डिजिटल प्रतिबंध
तालिबान अगस्त 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से कई सामाजिक और सांस्कृतिक पाबंदियां लगा चुका है, लेकिन इंटरनेट सेवाओं पर इस स्तर का यह पहला बड़ा कदम है। माना जा रहा है कि इस फैसले से शिक्षा और कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय संचार बाधित होंगे।
इस्लामी मूल्यों की रक्षा के लिए लिया गया ये फैसला
तालिबान का कहना है कि यह फैसला अनैतिक गतिविधियों को रोकने और इस्लामी मूल्यों की रक्षा के लिए लिया गया है। लेकिन आलोचकों का मानना है कि यह कदम अफगानिस्तान को दुनिया से और ज्यादा अलग-थलग कर देगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में डिजिटल संकट गहराएगा और लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी सीमित होगी।