Edited By Tanuja,Updated: 27 Sep, 2025 05:31 PM

इंडोनेशिया में खसरे का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। अब तक 2,600 से ज्यादा बच्चे संक्रमित और 20 की मौत हो चुकी है। सरकार घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चला रही है, लेकिन मुस्लिम समुदाय में सूअर से बने जिलेटिन वाले टीकों को लेकर हिचकिचाहट सबसे बड़ी बाधा बनी...
International Desk: इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, इस समय खसरे (Measles) की महामारी से जूझ रहा है। इंडोनेशिया के मदुरा द्वीप के सुमेनेप शहर में खसरे का प्रकोप जारी है। पिछले नौ महीनों में यहां 2600 से अधिक बच्चे संक्रमित हो चुके हैं और अब तक 20 मासूमों की जान जा चुकी है।
इस्लामधर्म बना सबसे बड़ी बाधा
सरकार घर-घर जाकर बच्चों को खसरे का टीका लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कई माता-पिता टीकाकरण से पीछे हट रहे हैं। वजह है कि कुछ टीकों में सूअर से प्राप्त जिलेटिन का इस्तेमाल "स्टेबिलाइज़र" के रूप में किया जाता है, जिसे इस्लाम में हराम माना जाता है।
विद्वानों का मत
2018 में इंडोनेशियाई धार्मिक नेताओं (उलेमा काउंसिल) ने फैसला सुनाया था कि जिलेटिन वाले टीके हराम हैं, लेकिन जब तक वैकल्पिक दवा उपलब्ध न हो, तब तक इन्हें इस्तेमाल करने की इजाज़त है। इसके बावजूद, कई माता-पिता अब भी बच्चों को टीके नहीं लगवा रहे।
सरकार और WHO की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त से 78,000 से अधिक टीके घरों, स्कूलों और क्लीनिकों में उपलब्ध कराए हैं। WHO ने साफ कहा है “टीकाकरण से दूरी बच्चों की जान के लिए खतरा है।” अगर लोग इस हिचकिचाहट को दूर नहीं करेंगे तो खसरे जैसी बीमारी और जानें ले सकती है।