विश्लेषकों का दावा- राष्ट्रपति जिनपिंग के लंबे कार्यकाल से बढ़ेंगी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मुश्किलें

Edited By Updated: 28 Jun, 2021 10:20 AM

xi jinping s prolonged tenure could spell trouble for ccp  s future experts

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी एक जुलाई को अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगी। वहीं, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि राष्ट्रपति शी...

बीजिंग: चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी एक जुलाई को अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगी। वहीं, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पद पर बने रहने से भविष्य में उनके उत्तराधिकारी के लिए स्थिति जटिल हो सकती है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) अपने 100वें साल में राष्ट्रपति शी पर उतना ही निर्भर है जितना वह अपने संस्थापक नेता और मुख्य विचारक ‘चेयरमैन' माओत्से तुंग पर थी। माओत्से तुंग ने 1921 में पार्टी के गठन के बाद से 1976 में निधन तक पार्टी पर पकड़ बनाए रखी।

 

शी के समर्थक मानते हैं कि चीन को उनका नेतृत्व समय की जरूरत है क्योंकि देश विश्व स्तर पर प्रतिकूल हालात का सामना कर रहा है, वहीं विश्लेषकों ने आगाह किया है कि दो कार्यकाल के बाद उनके पद पर बने रहने से आगे स्थिति अस्थिर हो सकती है। पार्टी नेतृत्व के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीपीसी के महासचिव के उत्तराधिकारी की घोषणा कर देने की परंपरा रही है। प्रेक्षकों को संभावना है कि शी पार्टी के शासी निकाय में फेरबदल के दौरान शीर्ष नेता बने रहेंगे। एक दशक में पार्टी की दो बार होने वाली कांग्रेस में अगले साल उत्तराधिकारी पर कुछ तस्वीर स्पष्ट हो सकती है।

 

 ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा कि यह एक बड़ी चुनौती होगी और इससे आगे के दशकों में पार्टी की दिशा तय होगी। अपने पूर्ववर्ती अध्यक्षों के विपरीत शी ने 2017 में अपने पहले कार्यकाल के अंत में उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की और प्रेक्षकों का मानना है कि अगले साल भी नए नेतृत्व के उभार की कम ही संभावना है। विश्लेषक टी सांग ने ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' से कहा, ‘‘अगर प्रक्रिया स्पष्ट नहीं हुई तो जब बदलाव होगा तो चीजें बहुत जटिल हो जाएंगी।''

 

मर्केटर इंस्टीट्यूट फॉर चाइना स्टडीज के वरिष्ठ विश्लेषक निस ग्रूनबर्ग ने भी सांग के विचार से सहमति जतायी। अमेरिका में सेंटर फॉर स्ट्रेटिजिक इंटरनेशनल स्टडीज और ऑस्ट्रेलिया में लोई इंस्टीट्यूट की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराधिकार के संकट के समाधान के लिए नए चेहरे को लाना जरूरी होगा। ऐसे उत्तराधिकारी की जरूरत होगी जिसका असर हो।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!