Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Dec, 2025 01:07 PM

लंबी दूरी की फ्लाइट में छोटे बच्चे को लेकर यात्रा करना किसी भी माता-पिता के लिए घबराहट भरा अनुभव हो सकता है खासकर तब जब फ्लाइट 10 घंटे लंबी हो लेकिन दक्षिण कोरिया के सियोल एयरपोर्ट पर नवंबर 2019 में एक मां ने अपनी इस चिंता को दूर करने के लिए जो...
International Flight Emotional Story: लंबी दूरी की फ्लाइट में छोटे बच्चे को लेकर यात्रा करना किसी भी माता-पिता के लिए घबराहट भरा अनुभव हो सकता है खासकर तब जब फ्लाइट 10 घंटे लंबी हो लेकिन दक्षिण कोरिया के सियोल एयरपोर्ट पर नवंबर 2019 में एक मां ने अपनी इस चिंता को दूर करने के लिए जो तरीका अपनाया, वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया और आज भी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है।
हर सीट पर 'गुड्डी बैग' का सरप्राइज़
फ्लाइट सियोल से सैन फ्रांसिस्को के लिए रवाना होने वाली थी। बोर्डिंग पूरी होते ही एक युवती जिसने एक हाथ में नवजात बच्चे (Infant) को संभाल रखा था और दूसरे में बुजुर्ग नानी को सहारा दिया था अपनी सीट से उठी। उसने ऊपरी केबिन से एक बैग निकाला और फ्लाइट में मौजूद हर यात्री की सीट पर जाकर एक ट्रांसपैरेंट पैकेज बांटना शुरू कर दिया।
पैकेट में क्या था
हर पैकेट में कुछ कैंडीज़ (Candies) और इयरप्लग्स (Earplugs) थे। इस तोहफे को अचंभे से देख रहे यात्रियों की नज़रें पैकेज पर चिपकी स्लिप (Slip) पर गईं। यह स्लिप उस चार माह के बच्चे 'जुन्वू' की तरफ से लिखी गई थी जिसने सभी यात्रियों के दिल को छू लिया।
स्लिप पर लिखा संदेश
"हैलो, मेरा नाम जुनवू है और मैं चार महीने का हूं। आज मैं अपनी मौसी से मिलने के लिए अपनी मां और नानी के साथ अमेरिका जा रहा हूं। मैं थोड़ा नर्वस और डरा हुआ हूं, क्योंकि मेरे जीवन की यह पहली फ्लाइट है। जिसका मतलब है कि मैं रो भी सकता हूं और खूब शोर भी मचा सकता हूं। वैसे मेरी कोशिश होगी मैं शांति से जायूं बावजूद इसके मैं कोई वादा नहीं कर सकता हूं। कृपया मुझे माफ कर दें। मेरी मां ने आपके लिए एक छोटा सा गुडी बैग तैयार किया है जिसमें कुछ कैंडीज़ और इयरप्लग हैं। अगर मेरी वजह से बहुत अधिक शोर हो तो ये इयरप्लग इस्तेमाल कर लें। आप अपनी यात्रा एन्जॉय करें। थैंक यू।"
मां की चिंता हुई दूर
संदेश पढ़ने के बाद सभी यात्रियों ने महिला की तरफ देखा, शुक्रिया कहते हुए थम्ब्स-अप का इशारा किया और इशारों से कहा— "इत्मीनान रखिए।" यह पूरा मामला एक मां की उस हिचकिचाहट से जुड़ा था जिसे डर था कि 10 घंटे की लंबी जर्नी में बच्चा रोना शुरू कर देगा और बाकी यात्रियों को परेशानी होगी।
यात्री का व्यवहार
मजेदार बात यह रही कि पूरे रास्ते ऐसा कुछ हुआ नहीं। बच्चा अपनी मां और नानी की गोद में सोता रहा। जब कभी आंख खुलती तो बस चारों तरफ देखता, मुस्कुराता और फिर सो जाता। वह एक बार भी नहीं रोया या चिल्लाया। लैंडिंग से पहले जब केबिन की लाइट्स जलीं तो मां ने फिर उठ कर सबको थैंक यू कहा। यात्रियों ने ताली बाजकर एक बार फिर अपनी शुभकामनाएं दीं।