26/11 मुंबई हमले की वो 10 बातें, जिसे सुनकर आज भी कांप उठेगा आपकी रूह

Edited By Updated: 26 Nov, 2025 01:57 PM

10 facts about 26 11 mumbai attacks hearing your soul will tremble even today

26/11 मुंबई हमले की बरसी पर हम याद कर रहे हैं 2008 में हुए इस भयानक आतंकवादी हमले को। पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने सीएसएमटी, लियोपोल्ड कैफे, ताज और ओबेरॉय होटल, नरीमन हाउस और कामा अस्पताल में हमला किया। 166 नागरिक और 18 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए।...

नेशनल डेस्क : 22 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के कराची से 10 आतंकवादियों को मुंबई में हमला करने के लिए रवाना किया गया। इन्हें दो-दो की पांच जोड़ियों में बांटा गया और प्रत्येक को 10,800 रुपये तथा एक मोबाइल फोन दिया गया। इन आतंकियों ने छोटी नाव में बैठकर मुंबई के अलग-अलग इलाकों में हमला किया। इस हमले में कुल 166 लोग मारे गए और कई घायल हुए। चलिए आपको 26/11 मुंबई हमले की वो 10 बातें बताते हैं, जिसे सुनकर आज भी आपकी रूह कांप उठेगी।

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हमला कहां-कहां हुआ और कितनी जानें गईं

1. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) – रात 9:30 बजे कसाब और इस्माइल प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर घुसे। उन्होंने गोलियां चलाईं। 58 लोग मरे और 104 घायल हुए।

2. लियोपोल्ड कैफे – आतंकी बाबर और नासिर ने ग्रेनेड फेंके और गोलियां चलाईं। 11 लोग मरे।

3. नरीमन हाउस – आतंकी अशफाक और अबू सुहैल ने कई लोगों को बंधक बनाया। 6 लोग मरे।

4. ताज होटल – अब्दुल रहमान और जावेद ने गोलीबारी की। 31 लोगों की मौत।

5. ओबेरॉय होटल – फहदुल्ला और अब्दुल रहमान ने हमला किया। 30 लोग मरे।

इसके अलावा कामा अस्पताल और रास्ते में हुई गोलीबारी में भी 6 लोगों की मौत हुई। इस हमले में 26 विदेशी नागरिक भी मारे गए, जिनमें ब्रिटिश, अमेरिकी, जापानी और इजरायली शामिल थे।

कसाब को जिंदा पकड़ा और फांसी देना

हमले के दौरान अजमल कसाब एकमात्र आतंकी थे जिन्हें जिंदा पकड़ा गया। इस्माइल मारा गया। पूछताछ में कसाब ने बताया कि इस हमले की योजना पाकिस्तान में बनाई गई थी। 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दी गई थी।

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मीडिया कवरेज पर रोक

हमले के दौरान सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने पहली बार लाइव कवरेज पर रोक लगाई। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनलों को निर्देश दिया कि वे सैन्य और सुरक्षा बलों की गतिविधियों को लाइव न दिखाएं। इसका उद्देश्य सुरक्षा बलों की कार्रवाई और देश की सुरक्षा को नुकसान पहुँचने से रोकना था।

जांबाज शहीद

इस हमले में 18 सुरक्षा कर्मियों और ATS के अधिकारी शहीद हुए, जिनमें हेमंत करकरे, अशोक काम्टे, विजय सालस्कर, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और तुकाराम ओम्बले शामिल हैं। अन्य नागरिकों और होटल कर्मचारियों के साथ कुल 166 लोगों की मौत हुई।

होटल और संपत्ति को नुकसान

ताज होटल और ओबेरॉय होटल को भारी नुकसान हुआ। ओबेरॉय के पुराने हिस्से और ताज के पुराने हिस्से में सबसे अधिक क्षति हुई। आतंकियों ने ताज होटल के पुराने हिस्से में आग भी लगाई।

हमले के बाद सुरक्षा सुधार

26/11 ने भारत के लिए सुरक्षा के क्षेत्र में बदलाव की जरूरत को उजागर किया। अब भारतीय नौसेना को समुद्री सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी दी गई है। नौसेना, कोस्ट गार्ड और राज्य मरीन पुलिस मिलकर काम करती हैं। मुंबई, कोच्चि, विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर में JOCs स्थापित किए गए।

सागर प्रहरी बल (SPB) बनाया गया, जिसमें 80 तेज नावें और 1,000 से अधिक जवान हैं। उनका काम तट की निगरानी करना और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत प्रतिक्रिया देना है। इसके अलावा तटीय रडार चेन और ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AIS) लागू किया गया, जिससे नावों और जहाजों की पहचान और ट्रैकिंग आसान हो गई।

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26/11 की सीख

मुंबई हमले ने भारत को सुरक्षा, खुफिया जानकारी और समुद्री निगरानी के महत्व को समझाया। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार हुए हैं, ताकि देश सुरक्षित रहे और नागरिक अधिकारों का संतुलन भी बना रहे।

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