अब दूसरी शादी करने पर होगी 10 साल तक की जेल, मुख्यमंत्री ने इस्लाम को लेकर कही ये बड़ी बात

Edited By Updated: 27 Nov, 2025 08:39 PM

now second marriage will attract a 10 year sentence

असम विधानसभा ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला ऐतिहासिक विधेयक पारित कर दिया। नए कानून के तहत बहुविवाह को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और दोषी को अधिकतम 10 साल की कैद तथा पीड़ित को 1.40 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान रखा...

नेशनल डेस्क: असम विधानसभा ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला ऐतिहासिक विधेयक पारित कर दिया। नए कानून के तहत बहुविवाह को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और दोषी को अधिकतम 10 साल की कैद तथा पीड़ित को 1.40 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान रखा गया है। यह कदम राज्य में महिला सुरक्षा और समान अधिकारों की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

किन्हें मिलेगी छूट?

विधेयक में अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय और छठी अनुसूची के क्षेत्रों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। असम सरकार का दावा है कि यह निर्णय संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा- “कानून धर्म के खिलाफ नहीं”

विधानसभा में विधेयक पारित होने के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग इसे इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। यह कानून हिंदू, मुस्लिम, ईसाई- सभी समुदायों पर लागू होगा।” सरमा ने कहा कि बहुविवाह का दायरा केवल किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, इसलिए इसको रोकने के लिए समान रूप से कड़े प्रावधान जरूरी हैं।

कितनी सजा? क्या है दंड का ढांचा?

सामान्य तौर पर बहुविवाह के दोषी को 7 वर्ष तक की जेल और जुर्माना। यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी छिपाकर दूसरी शादी करता है, तो सजा बढ़कर 10 वर्ष की कैद और जुर्माना हो जाएगा।

विपक्ष के संशोधन खारिज- सरकार का संदेश साफ

भले ही विपक्षी दलों—AIUDF और CPI(M)—ने विधेयक में संशोधन की मांग पेश की, लेकिन इसे ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से संशोधन वापस लेने का आग्रह किया ताकि यह संदेश जाए कि “महिलाओं को सशक्त बनाने” के लिए सदन एकजुट है।

फिर से सीएम बने तो UCC लागू करेंगे- सरमा का ऐलान

सीएम ने सदन में बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि वे 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद फिर मुख्यमंत्री बनते हैं, तो असम में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि- “बहुविवाह पर प्रतिबंध UCC लागू करने की दिशा में पहला कदम है।”

लव जिहाद पर भी आएगा कानून

सरमा ने यह भी घोषणा की कि फरवरी सत्र के भीतर धोखाधड़ी से किए जाने वाले विवाहों के खिलाफ एक अलग विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि असम सरकार जल्द ही लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून भी पेश करेगी।

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