Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Aug, 2025 09:26 AM

हर साल 15 अगस्त को पूरा भारत उत्साह और गर्व के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन न केवल हमें हमारी आजादी की याद दिलाता है बल्कि उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को भी याद करने का मौका देता है जिन्होंने इस देश को आजाद कराने के लिए अपनी...
नेशनल डेस्क। हर साल 15 अगस्त को पूरा भारत उत्साह और गर्व के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन न केवल हमें हमारी आजादी की याद दिलाता है बल्कि उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को भी याद करने का मौका देता है जिन्होंने इस देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
क्यों चुनी गई 15 अगस्त की तारीख?
यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि आखिर 15 अगस्त की तारीख को ही क्यों चुना गया? दरअसल भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने इस तारीख को चुना था। इसके पीछे एक खास वजह थी। 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण किया था। उस समय माउंटबेटन दक्षिण पूर्व एशिया में मित्र देशों के कमांडर थे और इस तारीख को वे बहुत महत्वपूर्ण मानते थे।

इसके अलावा ब्रिटिश सरकार भी भारत को जल्द से जल्द सत्ता हस्तांतरित करना चाहती थी जिसके लिए प्रशासनिक और राजनीतिक तैयारियां 15 अगस्त तक पूरी कर ली गई थीं।
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आजादी का इतिहास और महत्व
कई वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद 1947 में भारत को दो अलग-अलग देशों- भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया गया। 15 अगस्त 1947 को आधी रात को भारत को औपचारिक रूप से स्वतंत्रता मिली।
इस दिन दिल्ली के लाल किले पर पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया और अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था जिसे भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जाता है।

यह दिन हमें एकजुटता, राष्ट्रीय गौरव और देश के प्रति कर्तव्य की भावना को मजबूत करता है। हर साल प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में भी देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन हमें लोकतंत्र, समानता और भाईचारे जैसे मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।