अब 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का नहीं बनेगा आधार कार्ड, राज्य सरकार का बड़ा ऐलान

Edited By Updated: 23 Aug, 2025 10:51 AM

aadhar card will not be made for people above 18 years of age  state government

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बड़ी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का आधार कार्ड नहीं बनेगा। हालांकि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय बागान मजदूरों को इसमें छूट दी गई है। इन...

नेशनल डेस्क : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बड़ी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का आधार कार्ड नहीं बनेगा। हालांकि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय बागान मजदूरों को इसमें छूट दी गई है। इन समुदायों को एक साल का समय और मिलेगा, जिससे वे अगले साल तक आधार कार्ड बनवा सकेंगे। बाकी जातियों के लोगों को सिर्फ सितंबर महीने तक का समय दिया गया है। अक्टूबर से उनके लिए नया आधार कार्ड बनवाना बंद हो जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर किसी विशेष और बहुत ही दुर्लभ परिस्थिति में किसी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी करना जरूरी होगा तो यह काम केवल जिला कलेक्टर करेंगे। इसके लिए जिला कलेक्टर को पुलिस और फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल से रिपोर्ट लेकर मंजूरी देनी होगी। सरमा ने इस फैसले के पीछे की वजह भी स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि असम में आधार कवरेज पहले से ही पूरा हो चुका है और अब यह कदम राज्य की सुरक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से अवैध तरीके से आने वाले लोग आधार कार्ड बनवाकर भारतीय नागरिक होने का दावा करने लगते हैं। इस रास्ते को पूरी तरह से बंद करने के लिए ही यह निर्णय लिया गया है।

नया नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा। SC, ST और चाय बागान मजदूरों की कम्युनिटी को एक साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अन्य लोग केवल सितंबर तक ही आधार कार्ड बनवा सकते हैं। इसके बाद 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को आधार कार्ड तभी मिलेगा जब जिला कलेक्टर, पुलिस और फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट देखकर अनुमति देंगे।

सरकार का कहना है कि पहले लोग आधार केंद्र में जाकर आवेदन करते थे और फिर जिले के ADC या सर्किल ऑफिसर इसकी जांच करते थे कि आवेदक उस जिले का निवासी है या नहीं। लेकिन अब यह जिम्मेदारी केवल डिप्टी कमिश्नर के पास होगी ताकि कोई भी अवैध प्रवासी इसका फायदा न उठा सके।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में बिहार में भी चुनाव आयोग ने नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची से आधार कार्ड को हटा दिया था। कारण यही बताया गया था कि आधार कार्ड कई अवैध नागरिकों के पास भी मौजूद है।

 

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