Edited By Shubham Anand,Updated: 10 Jul, 2025 06:54 PM

बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर सियासी हलचल के बीच अब यह मुद्दा पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया है। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस प्रक्रिया की मांग अपने...
नेशनल डेस्क : बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर सियासी हलचल के बीच अब यह मुद्दा पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया है। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस प्रक्रिया की मांग अपने राज्य में भी की है।
"बंगाल में भी हो SIR प्रक्रिया" - सुवेंदु अधिकारी
सुवेंदु अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन बंगाल में बड़ी संख्या में फर्जी वोटर्स हैं। इसके अलावा, घुसपैठियों के नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल हैं। इसे साफ करना जरूरी है। बिहार में जो हो रहा है, वह पश्चिम बंगाल में भी होना चाहिए।”
महुआ मोइत्रा का चुनाव आयोग पर आरोप
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि SIR प्रक्रिया का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों में युवा मतदाताओं को वंचित करना है। महुआ मोइत्रा ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “चुनाव आयोग ने बिहार में वास्तविक युवा मतदाताओं को वंचित करने के लिए यह कदम उठाया है, जहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद वे बंगाल को निशाना बनाएंगे, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।”
राजनीतिक टकराव तेज होने के आसार
बिहार में शुरू हुई मतदाता सूची की SIR प्रक्रिया अब राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनती जा रही है। जहां भाजपा इसे मतदाता सूची से अवैध नामों को हटाने की ज़रूरत बता रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस पर आगे क्या रुख अपनाता है।