Edited By Mehak,Updated: 22 Dec, 2025 05:04 PM

साल 2026 को लेकर बुल्गारिया की प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने गंभीर चेतावनी दी है। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, नए साल में दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर सकती है और लोग पैसों-पैसे के मोहताज हो सकते हैं। डिजिटल और फिजिकल करेंसी दोनों कमजोर हो सकती...
नेशनल डेस्क : साल 2025 खत्म होने जा रहा है और साल 2026 दस्तक दे रहा है। नए साल में क्या होगा, दुनिया और देश के लिए यह कैसा रहेगा, यह जानने के लिए लोग भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी पर भी नजर रखते हैं। इस संदर्भ में बुल्गारिया की प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा (Baba Vanga) का नाम सबसे पहले आता है। बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां पहले भी सच साबित हो चुकी हैं और उनकी भविष्यवाणियों को लेकर हमेशा चर्चा रहती है।
2026 को लेकर बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां
बाबा वेंगा ने 2026 के साल को लेकर कई गंभीर भविष्यवाणियां की हैं। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं, वैश्विक संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, एलियंस और AI तकनीक में बड़े बदलाव जैसी घटनाओं का अनुमान लगाया है। लेकिन सबसे चिंताजनक भविष्यवाणी आर्थिक संकट को लेकर है। बाबा वेंगा के अनुसार 2026 में दुनिया को ऐसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है कि लोग पैसे-पैसे के मोहताज हो जाएंगे।
क्या है आर्थिक संकट का अंदेशा
लैडबाइबल की रिपोर्ट के मुताबिक बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2026 में डिजिटल और फिजिकल करेंसी दोनों के मूल्य में गिरावट आ सकती है। इसे कैश क्रश या आर्थिक तंगी कहा जा रहा है। अगर यह सच होता है, तो वैश्विक मंदी (Global Recession) की स्थिति बन सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस आर्थिक संकट से बैंकिंग सिस्टम में परेशानी, करेंसी का कमजोर होना और बाजार में तरलता की कमी जैसी समस्याएं सामने आएंगी। इसके चलते महंगाई बढ़ सकती है, ब्याज दरें उच्च स्तर पर पहुंच सकती हैं और तकनीकी उद्योग में अस्थिरता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, सोने की कीमतों में भी तेजी आने की संभावना है, क्योंकि लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख कर सकते हैं।
दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?
बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के अनुसार 2026 का साल सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि वैश्विक और तकनीकी स्तर पर भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी बदलाव के बीच लोगों की जीवनशैली प्रभावित हो सकती है। यह साल वित्तीय योजना और सतर्कता की मांग करेगा, ताकि आर्थिक और सामाजिक झटकों से बचा जा सके।