Ghibli आर्ट और Gemini के बाद...अब 2026 में AI दिखाएगा असली ताकत, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की...

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 04:08 PM

after ghibli art and gemini ai will show its true power in 2026

साल 2022 के अंत में ChatGPT के आने के साथ ही लोगों को पहली बार महसूस हुआ कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब भविष्य की चीज़ नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। हालांकि शुरुआत में AI से कई गलतियां होती थीं। कई बार यह पुरानी जानकारी...

नेशनल डेस्क: साल 2022 के अंत में ChatGPT के आने के साथ ही लोगों को पहली बार महसूस हुआ कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब भविष्य की चीज़ नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। हालांकि शुरुआत में AI से कई गलतियां होती थीं। कई बार यह पुरानी जानकारी देता था और इमेज या वीडियो बनाने में भी सीमित नजर आता था। इन कमियों को दूर करने के लिए दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों ने अरबों डॉलर का निवेश किया। नतीजा यह रहा कि AI धीरे-धीरे रिसर्च, कंटेंट राइटिंग और क्रिएटिव इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद टूल बनता चला गया।

2025: मल्टीमॉडल AI ने बदली तस्वीर
2025 तक AI तकनीक ने बड़ी छलांग लगाई। अब AI सिर्फ टेक्स्ट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आवाज़ और तस्वीरों को भी एक साथ समझने और प्रोसेस करने लगा। नए मॉडल ज्यादा सटीक हुए और गलत या मनगढ़ंत जवाबों की समस्या पहले से काफी कम हो गई। इसी दौरान सोशल मीडिया पर AI से बनी तस्वीरों का जबरदस्त ट्रेंड देखने को मिला। बेहतर इमेज जनरेशन की वजह से Ghibli स्टाइल जैसी आर्टवर्क्स वायरल होने लगीं, जिससे AI टूल्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी।


Google Gemini और इमेज AI की रेस
OpenAI के साथ-साथ Google भी इस दौड़ में तेजी से आगे बढ़ा। Google Gemini जैसे एडवांस AI मॉडल और नए इमेज जनरेशन टूल्स ने रियल जैसी तस्वीरें बनाना आसान कर दिया। डिजिटल आर्ट और क्रिएटिव कंटेंट बनाने वालों के बीच इन टूल्स की मांग तेजी से बढ़ी।


2026: AI वीडियो का नया युग
अब टेक्नोलॉजी की दुनिया की नजरें 2026 पर टिकी हैं। इसे AI वीडियो का साल माना जा रहा है। Google, OpenAI और AI जैसी कंपनियां वीडियो जनरेशन टेक्नोलॉजी को लगातार बेहतर बना रही हैं। 2025 में इसके शुरुआती संकेत दिख चुके हैं, लेकिन 2026 में AI से बने वीडियो और ज्यादा नेचुरल, स्थिर और रियल लग सकते हैं। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया का फोकस तस्वीरों से हटकर AI वीडियो की ओर शिफ्ट हो जाएगा।


फ्री ट्रायल और पेड फीचर्स की रणनीति
संभावना है कि कंपनियां शुरुआत में AI वीडियो टूल्स को मुफ्त में उपलब्ध कराएंगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे आजमा सकें। बाद में इन फीचर्स को पेड प्लान का हिस्सा बनाया जा सकता है। इससे कंटेंट क्रिएटर्स को नए प्रयोग करने का बड़ा मौका मिलेगा।


Deepfake को लेकर बढ़ेगी सख्ती
AI के तेजी से आगे बढ़ने के साथ Deepfake का खतरा भी बढ़ रहा है। नकली लेकिन बेहद असली दिखने वाले वीडियो और तस्वीरें चिंता का कारण बन रही हैं। ऐसे में आने वाले समय में टेक कंपनियां AI के इस्तेमाल पर सख्त नियम और सुरक्षा उपाय लागू कर सकती हैं, ताकि गलत इस्तेमाल रोका जा सके और डिजिटल प्लेटफॉर्म सुरक्षित बने रहें।

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