Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Sep, 2024 01:46 PM
अग्निवीरों के लिए सेना में करियर बनाने का सपना जल्द ही और बड़ा हो सकता है, क्योंकि सरकार अग्निपथ योजना में महत्वपूर्ण बदलाव करने पर विचार कर रही है। खबरों के मुताबिक, चार साल की सेवा के बाद सेना में अग्निवीरों की सैलरी और उन्हें आर्मी में बरकरार...
नेशनल डेस्क: अग्निवीरों के लिए सेना में करियर बनाने का सपना जल्द ही और बड़ा हो सकता है, क्योंकि सरकार अग्निपथ योजना में महत्वपूर्ण बदलाव करने पर विचार कर रही है। खबरों के मुताबिक, चार साल की सेवा के बाद सेना में अग्निवीरों की सैलरी और उन्हें आर्मी में बरकरार रखने की सीमा बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल, मौजूदा नियमों के अनुसार, केवल 25% अग्निवीरों को ही सेवा में बनाए रखा जाता है, लेकिन इसे बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
अग्निपथ योजना में संभावित बदलाव:
2022 में लॉन्च की गई अग्निपथ योजना के तहत, अग्निवीरों को चार साल के लिए सेना की तीनों शाखाओं – थल, जल और वायु – में नियुक्त किया जाता है। इस योजना के अनुसार, 25% अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद स्थायी कमीशन दिया जाता है। अब, खबरों के अनुसार, सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 50% तक करने की योजना बना रही है।
रक्षा सूत्रों के हवाले से जानकारी:
रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय अग्निपथ योजना के तहत अधिक अग्निवीरों को स्थायी रूप से सेना में बनाए रखने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, अग्निवीरों की सैलरी और अन्य लाभों में भी बदलाव हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सेना ने अपनी सिफारिशें सरकार के सामने प्रस्तुत की हैं, और इसे लेकर आंतरिक सर्वेक्षण भी किया गया है।
सैन्य जानकारों की राय:
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा 25% सीमा बहुत कम है और इससे सेना की लड़ाकू क्षमता प्रभावित हो सकती है। एक सूत्र ने बताया कि ज़मीन पर लड़ाई की ताकत बनाए रखने के लिए यह सीमा अपर्याप्त है। इसलिए, सेना ने सिफारिश की है कि चार साल बाद स्थायी रूप से बनाए रखे जाने वाले अग्निवीरों की संख्या बढ़ाकर 50% कर दी जाए।
प्रक्रिया में समय लग सकता है:
रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इन बदलावों को लागू करने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि इस कदम से सेना में अधिक अग्निवीरों को स्थायी रूप से शामिल होने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी सुरक्षा और करियर संभावनाओं में भी सुधार होगा।
इस बदलाव से न केवल अग्निवीरों के करियर के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि सेना की लड़ाकू क्षमता भी मजबूत होगी।