संकटमोचक बनकर पार्टी को मजबूत बनाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल ने आज दुनिया को अलविदा बोल दिया। कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले पटेल ने कई मौकों पर पार्टी को संकट से उबारने का काम किया। आज कांग्रेस के नेताओं समेत पूरे देश ने उन्हे नम आखों से विदाई दी...
नेशनल डेस्क: संकटमोचक बनकर पार्टी को मजबूत बनाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल ने आज दुनिया को अलविदा बोल दिया। कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले पटेल ने कई मौकों पर पार्टी को संकट से उबारने का काम किया। आज कांग्रेस के नेताओं समेत पूरे देश ने उन्हे नम आखों से विदाई दी। देखें उनके सफर की कुछ अनदेखी तस्वीरें:-

कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार रहे पटेल केंद्र में मंत्री बनने के आमंत्रण को ठुकराते हुए कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए आजीवन काम करते रहे। मीडिया से दूर, पर कांग्रेस के हर फैसले में वह शामिल रहते थे।

पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हुए वह हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वास पात्र बने रहे। वह वर्तमान में कांग्रेस के कोषाध्यष थे और यह जिम्मेदारी उन्हें दूसरी बार मिली थी।

आपातकाल के समय जब पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ था और 1977 के आम चुनाव में जब लहर गांधी के विरुद्ध चल रही थी, उस समय पटेल ने महज 26 साल की उम्र में लोकसभा का सदस्य बनकर राजनीति में अपनी अलग पहचान स्थापित कर ली थी। उसके बाद वह कभी रुके नहीं और हमेशा कांग्रेस के संकटमोचक् के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे।

गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 1949 में जन्मे अहमद पटेल प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वह तीन बार लोकसभा और चार बार राज्य सभा के सदस्य रहे।

उन्होंने पहला चुनाव 1977 में भरूच लोकसभा सीट से लड़े और पूरे देश मे कांग्रेस के खिलाफ लहर के बावजूद 62 हज़ार 879 वोटों से चुनाव जीते थे।

वह 1980 में भी इसी सीट से लड़े और 82 हज़ार 844 वोटों से जीते। जीत के अंतर का यह सिलसिला आगे बढ़ते हुए उन्होंने 1984 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा और एक लाख 23 हज़ार 69 वोटों से जीत दर्ज की।
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