Edited By Shubham Anand,Updated: 27 Aug, 2025 07:42 PM

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता लगाने में आमतौर पर लाखों रुपये की महंगी मशीनों और कई दिनों का समय लगता है। लेकिन अब दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने एक ऐसी टेस्ट किट विकसित की है, जो मात्र 2 घंटे में कैंसर की पहचान कर सकती है।
नेशनल डेस्क: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता लगाने में आमतौर पर लाखों रुपये की महंगी मशीनों और कई दिनों का समय लगता है। लेकिन अब दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने एक ऐसी टेस्ट किट विकसित की है, जो मात्र 2 घंटे में कैंसर की पहचान कर सकती है। खास बात यह है कि इस किट की कीमत 100 रुपये से भी कम रखी गई है, जिससे यह आम लोगों के लिए सुलभ और किफायती हो जाएगी।
इस किट को एम्स के एनाटॉमी विभाग के डॉ. सुभाष चंद्र यादव ने पूर्व गायनी विभाग की हेड डॉ. नीरजा भाटला, ज्योति मीणा, शिखा चौधरी और प्रणय तंवर की टीम के साथ मिलकर बनाया है। यह नेनोटेक्नोलॉजी आधारित विजुअल डायग्नोस्टिक किट है, जो विशेष रूप से महिलाओं में हाई रिस्क वाले एचपीवी से होने वाले सर्वाइकल कैंसर का त्वरित पता लगाने में सक्षम है। इस किट को हाल ही में नेशनल बायो इंटरप्रिन्योरशिप कॉम्पिटीशन (NBEC) 2025 में देशभर से आए 3100 इनोवेशन्स में से पहला पुरस्कार मिला है। टीम को 6 लाख रुपये का पुरस्कार और स्टार्टअप के रूप में इसे आगे बढ़ाने के लिए फंडिंग भी प्रदान की गई है।
2 घंटे में सटीक नतीजे
डॉ. सुभाष ने बताया कि अब तक इस किट की मदद से लगभग 400 मरीजों की जांच की जा चुकी है, जिसमें 100 प्रतिशत सटीकता मिली है। जहां पारंपरिक मशीनों से जांच में कई दिन लग जाते हैं, वहीं यह किट मात्र 2 घंटे में रिपोर्ट प्रदान करती है। यह किट इतनी सरल है कि मेडिकल ट्रेनिंग प्राप्त लोग, नर्सें या आशा वर्कर भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर महिलाएं किट के इस्तेमाल की प्रक्रिया समझ लें, तो वे खुद भी अपनी जांच कर सकेंगी।
महंगे टेस्ट का किफायती विकल्प
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक मशीनों की कीमत लगभग 30 लाख रुपये है। प्राइवेट सेक्टर में इस जांच की लागत लगभग 6000 रुपये होती है, जबकि सरकारी संस्थानों में भी यह जांच 2000 से 3000 रुपये तक की मिलती है। इनकी तुलना में यह नई किट बहुत सस्ती और किफायती साबित होगी और भविष्य में इसे ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचाया जाएगा।
एनबीईसी 2025 में शीर्ष इनोवेशन
नेशनल बायो इंटरप्रिन्योरशिप कॉम्पिटीशन 2025 में यह किट देश के 34 राज्यों से आए 3100 आवेदनों में से टॉप इनोवेशन के रूप में चुनी गई है। यदि समय पर फंडिंग मिलती रही, तो अगले चार वर्षों में यह किट बाजार में आम जनता के लिए उपलब्ध हो सकेगी।