Edited By Parveen Kumar,Updated: 04 Oct, 2025 12:21 AM

सर्दियों में जब दिल्ली और उत्तर भारत का आसमान धुंध और स्मॉग से भर जाता है, तो लोग इसे केवल फेफड़ों के लिए खतरनाक मानते हैं। लेकिन रिसर्च और एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह प्रदूषण आपके दिल को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
नेशनल डेस्क: सर्दियों में जब दिल्ली और उत्तर भारत का आसमान धुंध और स्मॉग से भर जाता है, तो लोग इसे केवल फेफड़ों के लिए खतरनाक मानते हैं। लेकिन रिसर्च और एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह प्रदूषण आपके दिल को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
कैसे दिल तक पहुंचता है ज़हर?
New England Journal of Medicine (NEJM) के अनुसार, वायु प्रदूषण में मौजूद PM₂.₅, PM₁₀, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन जैसी गैसें हमारे ब्लड फ्लो तक पहुंच जाती हैं। ये कण शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और आर्टरीज की परत को कमजोर कर देते हैं। नतीजतन ब्लॉकेज, ब्लड प्रेशर बढ़ना और थक्के बनने की समस्या हो सकती है। कई बार यह स्थिति हार्ट अटैक और स्ट्रोक को भी ट्रिगर कर देती है।
किन बीमारियों का बढ़ता है खतरा?
NEJM और AHA रिसर्च के अनुसार, प्रदूषण दिल को कई बीमारियों के घेरे में ले आता है। इसमें शामिल हैं – हार्ट अटैक का खतरा, स्ट्रोक की संभावना, हार्ट फेल्योर का रिस्क, अनियमित धड़कनें (Arrhythmia)
हाई ब्लड प्रेशर
The Lancet Commission on Pollution and Health (2022) की रिपोर्ट बताती है कि साल 2019 में 90 लाख मौतें प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण हुईं, जिनमें से लगभग 62% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से थीं।
भारत की चिंताजनक तस्वीर
भारत उन देशों में है जहां वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक है। WHO की रिपोर्ट बताती है कि देश के कई बड़े शहरों का AQI ‘खराब श्रेणी’ में रहता है। यही वजह है कि महानगरों में रहने वाले लोगों में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और इसमें प्रदूषण का बड़ा योगदान है।