Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Aug, 2025 05:59 PM

झारखंड के गढ़वा में एक बुज़ुर्ग महिला से बिना कार्ड और ओटीपी के ₹10,000 की साइबर ठगी हुई। ठगों ने पीएम किसान योजना का झांसा देकर महिला की आंखों का स्कैन किया और आधार से जुड़े बैंक खाते से पैसे निकाल लिए। आधार से जुड़े खातों में बायोमेट्रिक दुरुपयोग...
नेशनल डेस्क: देश में साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के बैंक खातों को निशाना बना रहे हैं। ताजा मामला झारखंड के गढ़वा जिले से सामने आया है, जहां ठगों ने एक बुजुर्ग महिला के खाते से बिना ओटीपी और डेबिट कार्ड के ₹10,000 निकाल लिए। यह मामला अब सभी के लिए एक चेतावनी बन गया है कि कैसे बायोमेट्रिक डेटा के ज़रिए भी ठगी को अंजाम दिया जा सकता है।
पीएम किसान योजना के नाम पर की धोखाधड़ी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर ठगों ने महिला को पीएम किसान योजना का लाभ दिलाने का झांसा दिया और इसी बहाने महिला की आंखों का स्कैन कर लिया। आधार से जुड़े बैंक खाते की जानकारी जुटाकर ठगों ने बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए खाते से पैसे निकाल लिए। जब महिला बैंक पहुंचीं, तो उन्हें ठगी का पता चला।
आधार और बैंक खातों की सुरक्षा पर फिर सवाल
यह घटना इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि आजकल अधिकांश बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ा गया है। ऐसे में आईरिस या फिंगरप्रिंट स्कैन जैसी बायोमेट्रिक जानकारियों के ज़रिए बिना ओटीपी के भी पैसा निकाला जा सकता है। ठगों ने इसी तकनीक का दुरुपयोग कर महिला के खाते से रकम उड़ा ली।
कैसे करें बचाव?
- आधार कार्ड की जानकारी अनजान व्यक्ति को न दें।
- जरूरत पड़ने पर वर्चुअल आधार नंबर का इस्तेमाल करें।
- UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक करें, ताकि कोई इसका दुरुपयोग न कर सके