Edited By Mansa Devi,Updated: 20 Nov, 2025 05:26 PM

विटामिन D स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। Journal of Renal Injury Prevention की स्टडी के अनुसार, ओवरडोज होने पर किडनी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो...
नेशनल डेस्क: विटामिन D स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। Journal of Renal Injury Prevention की स्टडी के अनुसार, ओवरडोज होने पर किडनी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो किडनी की सेहत खराब हो सकती है।
विटामिन D ओवरडोज क्या है?
ज्यादा विटामिन D लेने से खून में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता हैं। इसके कारण भूख न लगना, उल्टी, बार-बार पेशाब आना और किडनी डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में दिल की बीमारी का भी खतरा बढ़ जाता है।
कितनी मात्रा लें?
वयस्कों के लिए प्रतिदिन 600 IU विटामिन D लेना पर्याप्त माना जाता है। अपनी जरूरत के अनुसार डॉक्टर की सलाह से ही अधिक मात्रा लें।
ओवरडोज के 3 शुरुआती लक्षण:
➤ पेट और पाचन की समस्या: ज्यादा कैल्शियम से पेट खराब होना और उल्टी की संभावना बढ़ जाती है।
➤ बार-बार पेशाब और प्यास: किडनी अतिरिक्त कैल्शियम बाहर निकालने की कोशिश करती है।
➤ दिमाग और थकान: ओवरडोज से मानसिक थकान और चक्कर आ सकते हैं।
किडनी पर 3 शुरुआती असर:
➤ बार-बार पेशाब आने लगता है क्योंकि किडनी कैल्शियम निकालने में लगी रहती है।
➤ खून में कैल्शियम बढ़ने से किडनी में पथरी का खतरा होता है।
➤ पेट के निचले हिस्से में दर्द होना किडनी डैमेज का संकेत हो सकता है।