भारत का NAM में कड़ा संदेश:आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं, समर्थन करने वालों को भुगतना पड़ेगा अंजाम

Edited By Updated: 16 Oct, 2025 07:20 PM

at nam india says any support or cover up of terrorism will  come back to bite

भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की 19वीं मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले या इसे न्यायोचित ठहराने वाले देश अंततः नुकसान उठाएंगे।

International Desk: भारत ने बृहस्पतिवार को गुटनिरपेक्ष आंदोलन ( NAM ) के सदस्य देशों से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान किया और कहा कि जो भी इसे किसी भी रूप में प्रायोजित करता है और न्यायोचित ठहराता है या इस पर पर्दा डालने का काम करता है, आतंकवाद उलटा उसे ही नुकसान पहुंचाएगा। यहां नाम की 19वीं मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत की ओर से वक्तव्य देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि आतंकवाद एक ‘साझा खतरा' है जिसका समाधान केवल गहन अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘दशकों से भारत बर्बरतापूर्वक किए गए सीमा पार आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है, सबसे हालिया हमला 22 अप्रैल 2025 को हुआ, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई।''

 

सिंह ने कहा कि इस आंदोलन का लगभग हर सदस्य आतंकवाद द्वारा उत्पन्न चुनौती से अवगत है और इसका मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, यह अत्यंत खेद की बात है कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर विचार-विमर्श किया, तो एक सदस्य देश ने अपराधी (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का बचाव करने के लिए इस हद तक प्रयास किया कि उसने उसके बारे में किसी भी सार्वजनिक उल्लेख को हटाने की मांग तक कर दी।'' पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमारे पास एक और सदस्य देश है जो इस देश की कार्रवाई का बचाव करता है।''

 

उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करे। आतंकवाद के प्रति किसी तरह का प्रायोजन, समर्थन, इसे न्यायोचित ठहराना या इस पर पर्दा डालने का परिणाम ऐसा करने वालों को भुगतना पड़ेगा।'' सिंह ने कहा कि जब राष्ट्र आतंकवाद को राज्य की नीति घोषित करते हैं, जब आतंकवादी केंद्रों को बिना किसी दंड के पनपने दिया जाता है, जब किसी देश के पदाधिकारियों द्वारा आतंकवादियों का महिमामंडन किया जाता है, तो ऐसी कार्रवाइयों की केवल स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, ऋण स्थिरता, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं, तकनीकी विभाजन, व्यापार और शुल्क, तथा आतंकवाद जैसी चुनौतियों ने दुनिया और वैश्विक स्थिति को बेहद अस्थिर बना दिया है। सिंह ने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) मंच का उपयोग ‘ग्लोबल साउथ' की वैध आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।

 

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें दरकार है: निष्पक्ष और पारदर्शी आर्थिक तौर-तरीकों एवं निष्पक्ष व्यापार के लिए एक स्थिर वातावरण की, लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की, संघर्षों के तत्काल समाधान और सीमा पार आतंकवाद से निर्दोष लोगों की सुरक्षा की, वैश्विक साझा हितों की सुरक्षा की और विकास के लिए प्रौद्योगिकी का सहयोगात्मक लाभ उठाने की।'' विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘हमें वैश्विक निर्णय लेने में समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों सहित बहुपक्षवाद के सुधरे रूप के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए।''  

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