Edited By Yaspal,Updated: 13 Feb, 2024 06:17 AM

होटल उद्योग के निकाय एचएआई का मानना है कि अयोध्या को सिर्फ धार्मिक पर्यटन के नजरिये से नहीं बल्कि इसे ‘भारत का वेटिकन' बनाने के एक अवसर के रूप में भी देखा जाना चाहिए। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही...
नेशनल डेस्कः होटल उद्योग के निकाय एचएआई का मानना है कि अयोध्या को सिर्फ धार्मिक पर्यटन के नजरिये से नहीं बल्कि इसे ‘भारत का वेटिकन' बनाने के एक अवसर के रूप में भी देखा जाना चाहिए। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही वहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबर्दस्त उछाल देखा गया है। होटल उद्यमियों का कहना है कि धार्मिक पर्यटकों की संख्या बढ़ने से अयोध्या में अगले पांच वर्षों में विभिन्न श्रेणियों के 50 से 100 होटल शुरू होने की संभावना है।
भारतीय होटल संघ (एचएआई) के उपाध्यक्ष के बी कचरू ने कहा, ‘‘हमारे पास यह मौका है कि हम अयोध्या को धार्मिक पर्यटन के नजरिये से नहीं बल्कि इसे भारत का वेटिकन जैसा बनाने के एक अवसर के रूप में देखें। अगर लोग इटली या रोम जाते हैं तो चाहे वे किसी भी वर्ग से ताल्लुक रखते हों, वे वेटिकन जरूर जाते हैं।''
काचरू ने में कहा कि अयोध्या को पूरी दुनिया के समक्ष इस तरह पेश किया गया है कि इसे लेकर लोगों की दिलचस्पी कई गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को ऐसा लग रहा है कि अगर वे भारत जा रहे हैं तो उन्हें अयोध्या भी जाना चाहिए।
इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी ब्रांडेड होटल कंपनियां इस शहर में वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं।'' इस मौके पर एचएआई के अध्यक्ष पुनीत चटवाल ने कहा कि अब अयोध्या का समय आ चुका है और इसे कोई भी रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों में अयोध्या के भीतर 50 से लेकर 100 होटल तक बनाए जाएंगे।