Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Dec, 2025 01:00 PM

औरंगाबाद में छत्रपति संभाजीनगर ने सिर्फ पांच साल में खाम नदी को स्वच्छ और बहने योग्य बनाया, जो पहले गंदगी और सीवेज से भरी हुई थी। यह काम नगर निगम, नागरिकों और गैर-सरकारी संगठनों की साझेदारी से संभव हुआ।
औरंगाबाद: औरंगाबाद में छत्रपति संभाजीनगर ने सिर्फ पांच साल में खाम नदी को स्वच्छ और बहने योग्य बनाया, जो पहले गंदगी और सीवेज से भरी हुई थी। यह काम नगर निगम, नागरिकों और गैर-सरकारी संगठनों की साझेदारी से संभव हुआ।
वीडियो में @RainmatterOrg ने बताया कि कैसे शहर ने 249- garbage entry points को ड्रोन से मैप किया और उन पर ट्रैप लगाए। सीवेज को ट्रीटमेंट प्लांट्स की ओर मोड़ा गया और नए प्लांट्स भी बनाए गए। फैक्ट्री के टेक्सटाइल वेस्ट के लिए विशेष सुविधा विकसित की गई।
नदी की सफाई के दौरान ऐसे सोर्सेस भी खोजे गए जो सालों से मलबे के नीचे दबे हुए थे। शहर में garbage collection system दुरुस्त की गई और 170 डंप साइट्स हटाई गईं। नगर आयुक्त स्वयं शनिवार-रविवार में सफाई अभियानों में शामिल हुए। वहीं नागरिक भी हर शनिवार सहयोग के लिए आगे आए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सफलता का मुख्य कारण यह था कि पहले यह सुनिश्चित किया गया कि नदी में कचरा प्रवेश ही न हो, सिर्फ सफाई करने पर निर्भर न रहना पड़े। इस उदाहरण ने बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में वायु गुणवत्ता और सफाई की समस्या को हल करने की उम्मीद जगाई है। यदि सरकारें, व्यवसाय, एनजीओ और नागरिक मिलकर काम करें, तो बड़ा बदलाव संभव है।