Edited By Radhika,Updated: 07 Aug, 2025 12:58 PM

हाल ही में डेटा चोरी की एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें गूगल के कुछ यूज़र्स का डेटा चोरी होने की पुष्टि हुई है। गूगल ने खुद अपने ब्लॉग पोस्ट में इस बात को स्वीकार किया है।
नेशनल डेस्क: हाल ही में डेटा चोरी की एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें गूगल के कुछ यूज़र्स का डेटा चोरी होने की पुष्टि हुई है। गूगल ने खुद अपने ब्लॉग पोस्ट में इस बात को स्वीकार किया है। कंपनी के मुताबिक Shinnyhunters नामक हैकिंग ग्रुप, जिसका दूसरा नाम UNC6040 है ने गूगल के सेल्सफोर्स डेटाबेस सिस्टम को हैक कर लिया। इस हैकिंग से यूज़र्स की कुछ गोपनीय जानकारी चोरी हो गई है।
क्या चोरी हुआ और कब हुई घटना?
यह डेटा चोरी 6 अगस्त, 2025 को हुई। गूगल ने बताया है कि चोरी हुए डेटा में ज़्यादातर सामान्य जानकारी थी। इसमें छोटे और मध्यम आकार के बिज़नेस से जुड़ी संपर्क जानकारी (contact details) और उनके व्यापार का नाम शामिल है। गूगल ने यह नहीं बताया कि कितने यूज़र्स का डेटा चोरी हुआ है। कंपनी के प्रवक्ता मार्क करायान ने भी इस घटना के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी है। अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स ने डेटा के बदले फिरौती की मांग की है या नहीं।
हैकर्स ने कैसे किया डेटा चोरी?
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि "शाइनीहंटर्स" ग्रुप voice phishing तकनीक का इस्तेमाल करता है। इस तकनीक में वे कंपनी के कर्मचारियों को धोखे से फँसाकर उनके क्लाउड-आधारित सेल्सफोर्स डेटाबेस तक पहुँच हासिल करते हैं। यह हैकिंग ग्रुप बड़ी कंपनियों के क्लाउड डेटाबेस को निशाना बनाने के लिए जाना जाता है। "शाइनीहंटर्स" का पुराना रिकॉर्ड भी कुछ इसी तरह का है। हाल ही में इस ग्रुप ने Cisco, एयरलाइन कंपनी Qantas और रिटेल कंपनी Pandora से भी डेटा चुराया था।
डेटा लीक साइट बनाने की तैयारी
गूगल ने चेतावनी दी है कि यह हैकिंग ग्रुप चोरी किए गए डेटा को पब्लिश करने के लिए एक डेटा लीक साइट बनाने की तैयारी कर रहा है। अक्सर रैंसमवेयर गैंग इस तरह की साइट्स का इस्तेमाल चोरी किए गए डेटा को सार्वजनिक करने और कंपनियों से फिरौती वसूलने के लिए करते हैं।