Edited By Harman Kaur,Updated: 02 Aug, 2025 05:25 PM

केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है। इसके लिए मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति कर दी गई है। यह जानकारी निवेश और लोक...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है। इसके लिए मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति कर दी गई है। यह जानकारी निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने दी है।
उन्होंने बताया कि LIC के मामले में आरएफपी (Request For Proposal) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब चयनित मर्चेंट बैंकर तीन साल तक इन संस्थानों से संबंधित सभी लेनदेन की निगरानी करेंगे। पैनल की अवधि को आवश्यकता अनुसार एक साल और बढ़ाया जा सकता है।
IPO के बाद अब और हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मई 2022 में LIC का IPO लाकर 3.5% हिस्सेदारी बेची थी, जिससे लगभग 21,000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। सरकार के पास वर्तमान में LIC में 96.5% हिस्सेदारी है। नियमानुसार, सरकार को 16 मई 2027 तक LIC में कम से कम 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी है। इसके लिए अब सरकार को 6.5% और हिस्सेदारी बेचनी होगी।
सेबी के नियमों का पालन अनिवार्य
वर्तमान में कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) और वित्तीय संस्थान SEBI के 25% न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियम को पूरा नहीं कर पाए हैं। सरकार ने इन संस्थानों के लिए 1 अगस्त 2026 तक की समय सीमा तय की है, ताकि वे नियामकीय आवश्यकताओं का पालन कर सकें।
सरकार का यह कदम सार्वजनिक निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने और संस्थागत पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है।