Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Dec, 2020 03:07 PM
कोरोना वायरस महामारी से सभी लोग उब चुके हैं। हर किसी को इंतजार है कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी और इस महामारी से निजात मिलेगी। दुनियाभर के कई देशों में अलग-अलग दवा कंपनियों की वैक्सीन ट्रायल पर चल रही है। इस बीच एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप...
नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी से सभी लोग उब चुके हैं। हर किसी को इंतजार है कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी और इस महामारी से निजात मिलेगी। दुनियाभर के कई देशों में अलग-अलग दवा कंपनियों की वैक्सीन ट्रायल पर चल रही है। इस बीच एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देशवासियों के साथ अच्छी खबर शेयर की है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि भारत में कोरोना टीके का ट्रायल आखिरी चरण में है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इसी महीने या फिर अगले महीने तक कोरोना वैक्सीन आ जाए। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इंडियन रेगुलेटरी अथोरिटी से हमें जल्द ही इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन लेनी चाहिए ताकि जनता को वैक्सीन देना शुरू किया जा सके।
70- 80 हजार वॉलंटीयर्स को लगा टीका
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि 70- 80 हजार वॉलंटीयर्स को टीका लगाया गया है और अब तक किसी पर कोई गलत प्रभाव नहीं दिखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि डेटा से यह पता चलता है कि टीका थोड़े समय के लिए सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि टीके को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन, उपयुक्त स्टोर वेयरहाउस उपलब्ध करने, रणनीति विकसित करने, टीकाकरण और सीरिंज की उपलब्धता सहित केंद्र और राज्य स्तर पर टीका वितरण योजना के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
बुजुर्गों और स्वास्थ्यकर्मियों को लगेगा टीका
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना टीका सबसे पहले उनको दिया जाएगा जिनको इस महामारी से ज्यादा खतरा है। बुजुर्ग और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका सबसे पहले लगाया जाना चाहिए। चेन्नई में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर प्रभाव को लेकर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब हम बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाते हैं, तो उनमें से कुछ को कोई न कोई बीमारी हो सकती है, जो टीके से संबंधित नहीं हो सकती। इसलिए हर बात का ध्यान भी रखना होगा।