GST में बड़ा सुधार: अब सिर्फ 5% और 18% टैक्स स्लैब, छोटे कारोबार और आम जनता को मिलेगा फायदा!

Edited By Updated: 15 Aug, 2025 10:54 PM

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भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है।

नेशनल डेस्कः भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि उसने मंत्रियों के समूह (GoM) को एक नया जीएसटी ढांचा प्रस्तावित किया है, जिसमें अब सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब – 5% और 18% रखने की बात कही गई है।

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि दिवाली तक नया जीएसटी ढांचा लागू कर दिया जाएगा। उनका कहना था कि इससे:

नया जीएसटी सिस्टम – क्या है प्रस्ताव?

वित्त मंत्रालय द्वारा GoM को भेजा गया प्रस्ताव तीन मुख्य बिंदुओं पर आधारित है:

  1. GST ढांचे में सुधार (Structural Reform)

  2. टैक्स दरों को सरल बनाना (Rate Simplification)

  3. लोगों का जीवन आसान बनाना (Ease of Compliance)

अब होंगे केवल दो मुख्य स्लैब:

टैक्स स्लैब किस पर लगेगा?
5% ज़रूरी सामान, रोज़मर्रा की चीज़ें
18% बाकी सामान्य वस्तुएं और सेवाएं

इसके अलावा कुछ चुनींदा वस्तुओं पर विशेष टैक्स दरें भी बनी रहेंगी (जैसे तंबाकू, कारें, लक्ज़री आइटम)।
28% स्लैब सिर्फ कुछ लिमिटेड उत्पादों तक सीमित किया जा सकता है या खत्म भी हो सकता है।
12% स्लैब को हटाकर उसे 18% में समाहित किया जाएगा, जिससे संरचना और सरल हो जाएगी।

अभी की GST स्लैब प्रणाली

वर्तमान में भारत में 4 जीएसटी स्लैब हैं:

  • 5%

  • 12%

  • 18%

  • 28%

अब सरकार इस प्रणाली को घटाकर दो स्तरों पर लाना चाहती है:
"मेरिट रेट (Merit Rate)" और "स्टैंडर्ड रेट (Standard Rate)"

MSMEs, कारोबार और आम जनता को क्या फायदा?

  1. इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की समस्या खत्म होगी

  2. टैक्स रेट स्थिर रहने से बिज़नेस प्लानिंग आसान

  3.  MSME और स्टार्टअप्स को सरल ऑनलाइन जीएसटी रजिस्ट्रेशन

  4. ऑटोमेटेड रिफंड प्रोसेस से एक्सपोर्टर्स को तेजी से भुगतान

  5.  टैक्स क्लासिफिकेशन से जुड़ा भ्रम कम होगा

रेवेन्यू और इकोनॉमी पर असर

  • 2024-25 में GST संग्रहण ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुंचा, जो 9.4% की ग्रोथ है।

  • Compensation Cess खत्म होने के बाद सरकार के पास अब ज्यादा लचीलापन है।

  • नए टैक्स ढांचे से:

    • उपभोग (Consumption) में बढ़ोतरी

    • औपचारिक अर्थव्यवस्था (Formalization) को बढ़ावा

    • सरकार के राजस्व (Revenue) में सुधार

    • समग्र आर्थिक गतिविधियों (Economic Activity) में तेजी

आगे क्या होगा?

  • GST परिषद की अगली बैठक सितंबर 2025 में होगी, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी।

  • इसी बैठक में GoM द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर चर्चा और अंतिम फैसला हो सकता है।

  • दिवाली से पहले नई टैक्स प्रणाली के लागू होने की संभावना जताई जा रही है।

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