5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम, 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं की तैयारी

Edited By Updated: 31 Dec, 2019 09:51 PM

big step towards  5 000 billion economy

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल में 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में मंगलवार को अहम घोषणा करते हुए 102 लाख करोड़ रुपए की ढांचागत परियाजनाओं की वृहद सूची जारी की। इसमें मुंबई- अहमदाबाद के बीच तेज गति की...

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल में 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में मंगलवार को अहम घोषणा करते हुए 102 लाख करोड़ रुपए की ढांचागत परियाजनाओं की वृहद सूची जारी की। इसमें मुंबई- अहमदाबाद के बीच तेज गति की रेलगाड़ी चलाने सहित ऊर्जा, बिजली, सड़क क्षेत्र की कई परियोजनायें शामिल हैं। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में ढांचागत परियाजनाओं के क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए निवेश करने का जिक्र किया था। इसके बाद आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में बने एक कार्यबल ने चार माह की अल्पावधि में ही 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं की पहचान की है। ऐसा करते हुये 70 विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ विचार विमर्श किया गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। ग्रेटर नोएडा से सटे जेवर में हवाईअड्डे पर काम शुरू होने और जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से इस आंकड़े में तीन लाख करोड़ रुपए की राशि और जुड़ सकती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि परियोजनाएं आ रही है और अगले कुछ सप्ताहों में हमें तीन लाख करोड़ रुपए की और परियोजनाएं मिल सकतीं हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर मुझे लगता है कि 100 लाख करोड़ रुपए की हमारी प्रतिबद्धता के मुकाबले 105 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं हमारे सामने होंगी।'

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रेटिंग एजेंसियों ने सरकार की पहल को बताया सकारात्मक

रेटिंग एजेंसियों ने सरकार की इस घोषणा को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक पहल बताया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार ऐसे समय जब आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़ रही है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यह घोषणा अर्थव्यवस्था में तेजी ला सकती है। एजेंसी ने कहा है कि इस नए निवेश का निर्माण क्षेत्र को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है। एजेंसी ने कहा है कि कम समय में ही राष्ट्रीय अवसंरचना परियाजनाओं की सूची तैयार करना सकारात्मक कदम है।‘प्रस्तावित निवेश का बड़ा हिस्सा परिवहन, ऊर्जा और जल क्षेत्र में जाना हमारी उम्मीदों के अनुरूप है।' वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं में से 43 प्रतिशत यानी 42.7 लाख करोड़ रुपए की परियोजनायें क्रियान्वयन के तहत हैं, 33 प्रतिशत यानी 32.7 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं के लिए तैयारी की जा रही है जबकि 19.1 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं विकास के क्रम में हैं। ये परियाजनाएं 22 मंत्रालयों, 18 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। 

केंद्र और राज्यों ने पिछले छह साल में 51 लाख करोड़ रुपए विभिन्न परियोजनाओं पर किए खर्च 
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) की शुरुआत करने की भी मंशा रखती है। यह केन्द्र, राज्य और निजी क्षेत्र को साथ रखते हुए मिलकर काम करने के लिए एक समन्वय प्रणाली होगी। इसमें परियोजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी रखने के साथ ही सूचनाओं को पहुंचाने का काम किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इन परियाजनाओं के अलावा पिछले छह साल में उसने और राज्यों ने 51 लाख करोड़ रुपए विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च किए हैं। सीतारमण ने कहा कि नई परियोजनाओं में निवेश में केन्द्र और राज्यों का हिस्सा 39- 39 प्रतिशत है जबकि शेष 22 प्रतिशत निजी क्षेत्र के हिस्से का है। उन्होंने कहा कि 2025 तक यह हिस्सा 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। 

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13.6 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं चालू वित्त वर्ष के दौरान होंगी क्रियान्वित 

आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने कहा कि 13.6 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं चालू वित्त वर्ष के दौरान क्रियान्वित होंगी जबकि 19.5 लाख करोड़ रुपए की 2020- 21 में और 19 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर 2021- 22 में क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके बाद बचे तीन साल में 2022- 23 में 13.8 लाख करोड़ रुपए, 2023- 24 में 12.8 लाख करोड़ रुपए और 2024- 25 में 11.1 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं को अमल में लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इनमें ज्यादातर परियोजनाएं ऊर्जा, बिजली, रेलवे, शहरी विकास, डिजिटल क्षेत्र, सिंचाई, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र की परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि लाख करोड़ रुपए की ऊर्जा क्षेत्र में, 20 लाख करोड़ रुपए की सड़क निर्माण और करीब 14 लाख करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाएं इस सूची में शामिल हैं। 


वार्षिक वैश्विक निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण अगले साल की दूसरी छमाही में 
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऋण बाजार और वैकल्पिक निवेश कोष को अधिक गहरा और व्यापक बनाने पर ध्यान दे रही है। ये कोष इन परियोजनाओं के लिए जरूरी वित्त उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वार्षिक वैश्विक निवेशक सम्मेलन का पहला संस्करण अगले साल की दूसरी छमाही में होगा। इसमें एक ही मंच पर निवेशकों के साथ मुलाकात की जा सकेगी। इस बीच सीबीआरई के भारत, दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैगजिन ने कहा कि सरकार का यह कदम भारत को दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। रीयल एस्टेट क्षेत्र की संस्था नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि सरकार की ताजा पहल और इससे पहले उठाए गए कदमों को मिलाकर अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव अब जल्द ही दिखने लगेगा।
 

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