Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Oct, 2025 08:46 AM

बिहार की राजनीति में इन दिनों चुनावी बयार अपने चरम पर है, हर दिन कोई न कोई नई सियासी हलचल सुर्खियां बटोर रही है। लेकिन इस बार चर्चा उम्मीदवारों के नामों से नहीं, बल्कि एक भावुक वीडियो से है, जिसमें समस्तीपुर जिले की मोरवा विधानसभा सीट से राजनीति में...
नेशनल डेस्क: बिहार की राजनीति में इन दिनों चुनावी बयार अपने चरम पर है, हर दिन कोई न कोई नई सियासी हलचल सुर्खियां बटोर रही है। लेकिन इस बार चर्चा उम्मीदवारों के नामों से नहीं, बल्कि एक भावुक वीडियो से है, जिसमें समस्तीपुर जिले की मोरवा विधानसभा सीट से राजनीति में सक्रिय रहे लोजपा (रामविलास) के नेता अभय कुमार सिंह फूट-फूटकर रोते नजर आ रहे हैं। टिकट की आस में जुटे इस नेता की उम्मीदें उस वक्त चकनाचूर हो गईं जब मोरवा सीट NDA में JDU के खाते में चली गई और अभय को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
अब और नहीं... राजनीति से संन्यास ले रहा हूं – अभय सिंह
वायरल वीडियो में अभय सिंह बुरी तरह टूटे हुए दिखाई देते हैं। आंखों में आंसू, जुबां पर टीस और मन में गहरी पीड़ा लिए वे कहते हैं – "हमने मेहनत की, जनता के बीच रहे, लेकिन आखिर में पैसे वालों को टिकट मिल गया। अब मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं।" उनकी यह भावुक अपील न सिर्फ सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई है, बल्कि बिहार की राजनीति में टिकट वितरण की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रही है।
2020 में लड़े थे चुनाव, इस बार आस टूटी
अभय सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मोरवा सीट से लोजपा(रामविलास) के उम्मीदवार के रूप में भाग लिया था। इस बार भी उन्होंने तैयारी पूरी कर रखी थी, लेकिन जब एनडीए ने सीटों का बंटवारा किया, तो लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें दी गईं, जिसमें मोरवा भी शामिल थी। लेकिन सियासी समीकरणों के बदलते खेल में मोरवा सीट अंततः जेडीयू के खाते में चली गई। और जेडीयू ने वहां से पूर्व विधायक विद्यासागर निषाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
फेसबुक लाइव में छलका दर्द, बोले– "सब कुछ खत्म"
टिकट कटने से आहत अभय सिंह ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात जनता के सामने रखी। लाइव में वे बेहद भावुक होकर कहते हैं – "जिसे हमनें अपना परिवार समझा, वहीं हमें धोखा दे गया। ये राजनीति अब मेरी नहीं रही।" इस बयान ने उनके समर्थकों और सोशल मीडिया यूजर्स के बीच सहानुभूति की लहर पैदा कर दी है।
टिकट के लिए ‘पैसे’ का खेल?
वीडियो में अभय सिंह यह भी आरोप लगाते नजर आते हैं कि टिकट वितरण में पैसे का खेल चला और जो ज्यादा चढ़ावा दे पाया, उसे ही मौका मिला। उनका सीधा इशारा पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी सौदेबाजी की ओर था।