Edited By Mansa Devi,Updated: 01 Aug, 2025 02:05 PM

दिल्ली में रक्षाबंधन के त्योहार से पहले एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ है, जिसने एक परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बेगमपुर में एक ही परिवार के भाई-बहन की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। बहन, जो तीन महीने पहले ही शादी के बाद...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में रक्षाबंधन के त्योहार से पहले एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ है, जिसने एक परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बेगमपुर में एक ही परिवार के भाई-बहन की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। बहन, जो तीन महीने पहले ही शादी के बाद अपने मायके आई थी, ने भाई को बचाने की कोशिश में अपनी जान दे दी।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के मुताबिक, यह घटना बुधवार रात करीब 10 बजे हुई। 26 साल का विवेक, जो पेशे से सिक्योरिटी गार्ड था, अपने घर की सीढ़ियां चढ़ रहा था। इसी दौरान वह लोहे के गेट के संपर्क में आ गया, जिसमें खराब तारों की वजह से करंट आ रहा था। विवेक की चीख सुनकर उसके 65 वर्षीय पिता कालीचरण उसे बचाने के लिए दौड़े, लेकिन वह भी उसी गेट की चपेट में आ गए और उन्हें बिजली का झटका लगा।
घर के अंदर मौजूद विवेक की 28 वर्षीय बहन अंजू, जो तीन महीने पहले ही शादी के बाद अपने मायके आई थी, शोर सुनकर अपने पिता और भाई को बचाने के लिए दौड़ी। अंजू ने जैसे ही गेट को छुआ, उसे भी ज़ोर का करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
त्योहार की खुशियां मातम में बदलीं
मृतकों के बड़े भाई गिरिराज ने बताया, "शादी के बाद यह अंजू की पहली तीज और आगामी रक्षाबंधन था। वह पुल प्रहलादपुर स्थित अपने पति के घर से बेगमपुर आई थी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन तक यहीं रहने वाली थी। किसने सोचा था कि यह त्योहार एक ही रात में एक बेटी और एक बेटे को छीन लेगा?"
गिरिराज ने बताया कि अंजू अपने भाई के साथ त्योहार मनाने के लिए बहुत उत्साहित थी, लेकिन उसे बचाने की कोशिश में उसने अपनी जान दे दी। विवेक ही घर का मुख्य कमाने वाला था और वेल्डिंग के काम में अपने पिता की मदद करता था। गिरिराज ने कहा कि इस एक त्रासदी ने उनके पूरे परिवार को तबाह कर दिया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मकान 50 वर्ग गज के भूखंड पर बना है और इसमें अत्यधिक असुरक्षित और खुले विद्युत तार थे। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजा गया है। यह घटना सुरक्षा मानकों और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।