Edited By Tanuja,Updated: 14 Sep, 2025 07:22 PM

कनाडा ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख़्त कदम उठाया है। कनाडा की फ़ेडरल कोर्ट ने खालिस्तान से जुड़े 30 लोगों की शरण की अपीलें खारिज कर दीं। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक ...
International Desk: कनाडा ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख़्त कदम उठाया है। कनाडा की फ़ेडरल कोर्ट ने खालिस्तान से जुड़े 30 लोगों की शरण की अपीलें खारिज कर दीं। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। इन लोगों पर अलगाववादी संगठनों और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। इन लोगों ने सरकार द्वारा शरण से इनकार और निष्कासन आदेश के खिलाफ अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इनकी दलीलें कमजोर हैं। केवल चार लोगों को ही राहत दी गई, बाकी सभी की अपील खारिज कर दी गई।
कनाडा लंबे समय से खालिस्तानियों का गढ़ रहा है। यहाँ से खालिस्तान आंदोलन को समर्थन मिलता रहा है। कई गैंग हिंसा, हफ्ता वसूली और अपराध में भी शामिल हैं। पाकिस्तान और अन्य भारत विरोधी देशों से इन्हें मदद मिलती रही है। ट्रूडो सरकार पर आरोप था कि उसने वोट बैंक की राजनीति के लिए खालिस्तानियों को संरक्षण दिया। लेकिन हाल के दिनों में हालात बदल गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने खालिस्तानी समूहों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
कनाडा की जनता भी इनसे तंग आ चुकी है। स्थानीय दबाव और भारत के लगातार दबाव के बाद अब सरकार और अदालत सख्ती दिखा रही हैं। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। भारत लगातार कनाडा को खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ सबूत देता रहा है। अब पहली बार ऐसा लग रहा है कि कनाडा खालिस्तानियों से दूरी बना रहा है। इससे भारत की चिंता कम होगी और खालिस्तान नेटवर्क को बड़ा झटका लगेगा।