Edited By Yaspal,Updated: 29 Nov, 2020 06:28 PM
चेन्नई में परीक्षण के दौरान ''कोविडशील्ड'' टीका लगवाने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति ने वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन और सोचने-समझने की क्षमता के कमजोर होने की शिकायत करते हुए सीरम संस्थान और अन्य को कानूनी नोटिस भेजकर पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है।...
चेन्नईः चेन्नई में परीक्षण के दौरान 'कोविडशील्ड' टीका लगवाने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति ने वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन और सोचने-समझने की क्षमता के कमजोर होने की शिकायत करते हुए सीरम संस्थान और अन्य को कानूनी नोटिस भेजकर पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। साथ ही उसने टीके का परीक्षण रोकने की मांग की है। व्यक्ति ने परीक्षण टीके को असुरक्षित बताते हुए इसकी टेस्टिंग, निर्माण, और वितरण की मंजूरी रद्द करने की भी मांग की और ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान (एसआईआई) को एक कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसने कोविडशील्ड टीका बनाने के लिये ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता कर रखा है। एसएसआई के अलावा टीके के प्रायोजक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और उस व्यक्ति को टीका लगाने वाले उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान को नोटिस भेजा गया है।
व्यक्ति ने आरोप लगाया कि टीका लगवाने के बाद उसे तीव्र मस्तिष्क विकृति, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा है और सभी जांचों से पुष्टि हुई है कि उसकी सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है। इस व्यक्ति को एक अक्टूबर को टीका लगाया गया था।