Edited By prachi upadhyay,Updated: 07 Sep, 2019 10:02 AM
चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का चांद पर उतरने से ठीक पहले इसरो से संपर्क टूटने से मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे चंद्रयान-2 मिशन को सिर्फ 5 फीसदी नुकसान हुआ है। अभी 95 फीसदी मिशन पूरी तरह से एक्टिव है। ये कहना है इसरो के एक अधिकारी का। नाम ना जाहिर...
बेंगलुरू: चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का चांद पर उतरने से ठीक पहले इसरो से संपर्क टूटने से मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे चंद्रयान-2 मिशन को सिर्फ 5 फीसदी नुकसान हुआ है। अभी 95 फीसदी मिशन पूरी तरह से एक्टिव है। ये कहना है इसरो के एक अधिकारी का। नाम ना जाहिर करने की शर्त पर इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि, 'मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत- लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत- चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है।' अधिकारी ने बताया कि, ‘ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भी लेकर भेज सकता है, जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है।’ उन्होने बताया कि उम्मीद की किरण बाकी है। एक साल मिशन अवधि वाला ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें लेकर इसरो को भेज सकता है।
गौरतलब है कि 978 करोड़ की लागत वाला भारत का चंद्रयान-2 पिछले 43 दिनों से अंतरिक्ष में है। 3.8 टन वजनी यह यान फिलहाल चंद्रमा की कक्षा में चक्कर काट रहा है। सोमवार दोपहर हुए एक महत्वपूर्व पड़ाव में चंद्रयान से विक्रम लैंडर अलग कर दिया गया था। जिसके बाद लैंडिग के वक्त इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क केंद्र के स्क्रीन पर देखा गया कि विक्रम अपने निर्धारित पथ से थोड़ा हट गया और उसके बाद संपर्क टूट गया। विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता।