Edited By Rohini Oberoi,Updated: 10 Nov, 2025 11:38 AM

बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) के टर्मिनल 2 (T2) पर सार्वजनिक रूप से एक समूह द्वारा सामूहिक नमाज (Collective Prayer) पढ़ने की घटना से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद हवाई...
नेशनल डेस्क। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) के टर्मिनल 2 (T2) पर सार्वजनिक रूप से एक समूह द्वारा सामूहिक नमाज (Collective Prayer) पढ़ने की घटना से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद हवाई अड्डे जैसे उच्च-सुरक्षा क्षेत्र (High-Security Zone) में ऐसी गतिविधि की अनुमति पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। वायरल वीडियो में सुरक्षाकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं लेकिन वे चुपचाप खड़े हैं।
बीजेपी ने जताया कड़ा विरोध
मामले से जुड़ा वीडियो सामने आने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। बताया गया है कि यह नमाज उन लोगों के समूह द्वारा पढ़ी गई जो मक्का जाने वाले यात्रियों को सी-ऑफ करने के लिए एयरपोर्ट आए थे। जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट के अंदर यात्रियों के लिए एक प्रार्थना कक्ष (Prayer Room) पहले से उपलब्ध है बावजूद इसके प्रार्थना बाहर सार्वजनिक क्षेत्र में की गई।
बीजेपी प्रवक्ता ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
BJP प्रवक्ता विजय प्रसाद ने 'एक्स' (X) पर पोस्ट करके इस घटना पर तीखी आपत्ति जताई:
विजय प्रसाद ने कहा, "बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी2 टर्मिनल के अंदर इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? क्या इन लोगों ने उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डे के क्षेत्र में नमाज पढ़ने के लिए पूर्व अनुमति ली थी? जब RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद पथ संचलन करता है तो सरकार उस पर आपत्ति करती है लेकिन प्रतिबंधित सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर आंखें मूंद लेती है? क्या यह इतने संवेदनशील क्षेत्र में गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय नहीं है?"
सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को लेकर हंगामा क्यों?
सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद अक्सर धार्मिक स्वतंत्रता, सार्वजनिक व्यवस्था और राजनीतिक पक्षपात के इर्द-गिर्द घूमता है। यह मुद्दा समय-समय पर तब उभरता है जब प्रार्थना सड़कों, पार्कों या सरकारी भवनों जैसी जगहों पर की जाती है।
बीजेपी की आपत्ति
बीजेपी ने इस घटना पर मुख्य रूप से इसलिए भी ऐतराज जताया क्योंकि उनका कहना है कि 'हाई-सिक्योरिटी जोन' में नमाज की अनुमति देना कहां तक जायज है जबकि RSS जैसी गतिविधियों पर पहले रोक लगाई जाती रही है। यह धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सुरक्षा और समान नियमों के पालन का मुद्दा बन गया है।