चीन-पाकिस्तान की दोस्ती भारत के लिए है बड़ी चुनौती

Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 05 Sep, 2019 03:19 PM

china pakistan friendship is a big challenge for india

भारत और चीन के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसी सीमा पर स्थित कुछ इलाके भारत- चीन के बीच विवाद का कारण बने हुए हैं। इसी के चलते दोनों देश 1962 में युद्ध लड़ चुके हैं। लेकिन अभी भी सीमा पर स्थित कुछ इलाकों को लेकर विवाद बरकरार है।

नेशनल डेस्कः भारत और चीन के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसी सीमा पर स्थित कुछ इलाके भारत- चीन के बीच विवाद का कारण बने हुए हैं। इसी के चलते दोनों देश 1962 में युद्ध लड़ चुके हैं। लेकिन अभी भी सीमा पर स्थित कुछ इलाकों को लेकर विवाद बरकरार है।

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हाल में भारत ने जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया है और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया है। यह भारत का आंतरिक मामला है। भारत ने यह बात हर बड़े मंच पर दोहराई जिसका समर्थन रूस समेत कई बड़े मुल्कों ने किया। लेकिन पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन ने कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अनौपचारिक बैठक बुलाई। वहीं, चीन ने खुद जम्मू-कश्मीर के 20 प्रतिशत भूभाग पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। जबकि उसने इस मसले को केवल भारत-पाकिस्तान के मुद्दे के रूप में पेश किया।

भारत में सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि मोदी सरकार का जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और उसे मिले संवैधानिक विशेषाधिकार समाप्त करना भारत का ऐतिहासिक कदम है। मोदी सरकार ने यह कदम केवल घरेलू कारणों को देखकर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहलुओं को ध्यान में रखकर भी उठाया है।

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पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का शिगूफा छोड़ा था। यहीं शिगुफा पाकिस्तान को भारी पड़ गया, जिससे पाकिस्तान की शह पाने वाले अफगान तालिबान मामले में अमेरिकी से सौदेबाजी की जा सके।   

चीन ने अलगाववादियों का बढ़ाया हौंसला
यह मानना पूरी तरह गलत होगा कि सुरक्षा परिषद में चीन की इस कवायद से कुछ हासिल नहीं हुआ। करीब 40 साल बाद सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर अनौपचारिक बैठक बुलाई गई। एक तरह से पाकिस्तान को चीन की मदद से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीयकरण में मदद मिली है।

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भारत-पाक विवाद से चीन को है फायदा
चीन भारत के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है। क्योंकि वह इस मामले में भारत से बेहतर स्थिति में है। जम्मू-कश्मीर को वह भारत की दुखती रग के साथ-साथ कमजोरी भी मानता है। जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से पर चीन का भी कब्जा है। इसलिए वह भारत-पाक के बीच यह मुद्दा सुलझाने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि इससे उसके कब्जे वाले हिस्से पर भी सवाल उठेंगे।

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चीन-पाकिस्तान की गहरी दोस्ती भारत के लिए खतरनाक
चीन-पाकिस्तान की दोस्ती भारत के लिए बड़ी चुनौती है। चीन की शह पर पाकिस्तान भारत के खिलाफ लगातार जिहादी आतंक का इस्तेमाल करता रहा है। भारत को पाकिस्तान के पिट्ठू आतंकियों पर कार्रवाई के बजाय उनके असली आका यानी फौजी हुक्मरानों पर शिकंजा कसना होगा। इसके साथ ही भारत को अपनी रक्षा तैयारियों को भी बढ़ाना होगा। क्योंकि दोनों ही देश भारत के प्रति आक्रामक रूख रखते हैं। दोनों का गठजोड़ भारत के लिए खतरनाक है। भारत को दोनों मौर्चों पर अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत रखना होगा।

 

 

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