भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग का वीजा सेंटर बना जासूसी का अड्डा, पंजाब-हरियाणा से जुड़े तार !

Edited By Updated: 04 Oct, 2025 12:32 PM

corruption and espionage by pakistan high commission s visa desk

रियाणा के पलवल से वसीम अख़्तर को पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा डेस्क के भ्रष्टाचार और जासूसी नेटवर्क में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वसीम ने वीजा सुविधा के लिए जाफर को रिश्वत दी और सिम कार्ड, OTP और सेना कर्मियों की जानकारी साझा की।

International Desk: भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग सेंटर में जासूसी और रिश्वतखोरी के बड़े कांड का खुलासा हुआ है जिसके तार पंजाब  व हरियाणा से जुड़े बताए जा रहे हैं। हरियाणा के पलवल जिले से गिरफ्तार वसीम अख़्तर का मामला पाकिस्तान उच्चायोग (PHC) के वीजा डेस्क में सिस्टमैटिक भ्रष्टाचार और जासूसी नेटवर्क का खुलासा करता है। वसीम अख़्तर, जो मूल रूप से गाँव कोट, हठिन, पलवल का निवासी है, को 30 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (OSA & BNS) के तहत गिरफ्तार किया गया।

 

वसीम अख़्तर का प्रोफ़ाइल

  • डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग (पुनहाना, नूह) और बी.ई. सिविल (MDU, रोहतक)
  • कुछ समय निजी कंपनियों में कार्य
  • वीजा आवेदन के दौरान PHC अधिकारी जाफर (मुज़म्मिल हुसैन) से संपर्क
  • प्रारंभ में इनकार के बाद 20,000 रुपए की रिश्वत देकर वीजा स्वीकृत
  • मई 2022 में वसीम ने पाकिस्तान के कसूर में अपने रिश्तेदारों से मुलाकात की
  • लौटने के बाद व्हाट्सएप के माध्यम से जाफर के संपर्क में रहा
  • वीजा सुविधा के लिए अपने बैंक खाते उपलब्ध कराए, वसीम को कमीशन का आश्वासन
  • कुल ₹4-5 लाख खाते में जमा, नकद भुगतान मध्यस्थों के जरिए
  • ₹80,000 और सिम कार्ड पलवल में सुपुर्द, बाद में जाफर को ₹1.5 लाख नकद
  •  सिम कार्ड और OTP उपलब्ध कराना, भारतीय सेना के कर्मियों की जानकारी साझा करना

 

 पूर्व मॉड्यूल और पृष्ठभूमि (मई 2025)

 

मलेरकोटला, पंजाब 

  • PHC कर्मचारी डैनिश (एहसान-उर-रहीम)   PNG घोषित
  • स्थानीय नागरिकों (ग़ज़ाला, यमीन) को वीजा के लालच में संवेदनशील रक्षा जानकारी देने के लिए तैयार किया
  • छोटे UPI ट्रांसफर (₹10–20k) में रक्षा संबंधी जानकारी साझा की

 

नूह, हरियाणा 

  • अर्मान गिरफ्तार, जिसने सिम कार्ड और रक्षा प्रदर्शन वीडियो PHC को उपलब्ध कराए
  • टेलीकॉम नेटवर्क PHC जासूसी संचालन का आधार
  •  

पलवल मॉड्यूल, मलेरकोटला और नूह मामलों से मिलते-जुलते पैटर्न को दर्शाता है। PHC के वीजा स्टाफ वीजा आवेदकों का शोषण कर रिश्वत लेते हैं, उन्हें सिम कार्ड और संवेदनशील जानकारी देने के लिए मजबूर करते हैं, और मध्यस्थों के माध्यम से धन प्रवाहित करते हैं। यह साबित करता है कि वीजा डेस्क जासूसी का केंद्र और भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुका है।  ध्यान देने वाली बात  जाफर और डैनिश को मलेरकोटला और नूह गिरफ्तारियों के बाद PNG घोषित किया गया था।

 

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