Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Nov, 2025 09:02 AM

देश में साइबर अपराधियों ने अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का नाम ढाल बनाकर लोगों को फंसाने की एक नई चाल शुरू कर दी है। हाल ही में कई नागरिकों के फोन पर ऐसे audio message और WhatsApp voice note आने लगे हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि उनके बैंक खातों...
नेशनल डेस्क: देश में साइबर अपराधियों ने अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का नाम ढाल बनाकर लोगों को फंसाने की एक नई चाल शुरू कर दी है। हाल ही में कई नागरिकों के फोन पर ऐसे audio message और WhatsApp voice note आने लगे हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि उनके बैंक खातों पर कोई संदिग्ध लेन-देन हुआ है और खाते जल्द ही बंद किए जा सकते हैं। स्कैमर्स इतनी सटीक भाषा और टोन में ये संदेश भेजते हैं कि पहली नज़र में किसी को भी ये असली लग सकते हैं।
फर्जी संदेशों का मकसद - डराकर जानकारी हथियाना
इन वॉइस नोट्स में श्रोताओं को चेतावनी दी जाती है कि उनके क्रेडिट कार्ड का उपयोग 'गैरकानूनी गतिविधियों' में हुआ है, और स्थिति को 'सुधारने' के नाम पर खातों के ब्लॉक होने की धमकी दी जाती है। असल उद्देश्य यही है कि लोग घबरा जाएं और कॉल बैक या लिंक क्लिक कर दें, जिसके बाद उनसे संवेदनशील बैंकिंग जानकारी मांगी जाती है।
सरकार और PIB की सख्त चेतावनी
सरकारी एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साफ कर दिया है कि ऐसा कोई भी संदेश, चाहे वॉइसमेल हो, फोन कॉल, ईमेल या वॉट्सऐप मैसेज-पूरी तरह फर्जी है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक टीम ने स्पष्ट कहा है कि RBI इस तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं करता। आरबीआई के आधिकारिक जागरूकता अभियान 'RBI कहता है' में सिर्फ सुरक्षा संबंधी सुझाव दिए जाते हैं - लेकिन कभी भी PIN, OTP, Password या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती।
साइबर अपराधों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
बैंकिंग सुरक्षा पर लगातार प्रयासों के बावजूद भारत में डिजिटल ठगी के मामले तेज़ी से ऊपर जा रहे हैं। आम लोग ही नहीं, पढ़े-लिखे पेशेवर और बड़ी कंपनियों तक इस जाल का शिकार बन रही हैं। कई मामलों में तो अपराधियों ने एक ही व्यक्ति से लाखों–करोड़ों रुपये तक ठगे हैं। RBI के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने भी हाल ही में संकेत दिया कि जुलाई 2025 के बाद डिजिटल धोखाधड़ी की रफ्तार और बढ़ गई है, जो बैंकिंग सुरक्षा तंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।