Gold Loan in India: गोल्ड लोन को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े, RBI ने किया बड़ा खुलासा!

Edited By Updated: 29 Nov, 2025 06:05 PM

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सोने के आभूषणों पर मिलने वाले गोल्ड लोन में इस साल जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। RBI के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक गोल्ड लोन का बकाया 128.5% उछलकर ₹3.38 लाख करोड़ पहुंच गया है। मार्च 2025 की तुलना में यह लगभग 63.6% की बढ़ोतरी है।...

बिजनेस डेस्कः सोने के आभूषणों पर मिलने वाले गोल्ड लोन में इस साल जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। RBI के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक गोल्ड लोन का बकाया 128.5% उछलकर ₹3.38 लाख करोड़ पहुंच गया है। मार्च 2025 की तुलना में यह लगभग 63.6% की बढ़ोतरी है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले 12 महीनों में पर्सनल लोन की कुल वृद्धि में से लगभग एक-चौथाई हिस्सा गोल्ड लोन का है। पर्सनल लोन भी तेजी से बढ़ रहे हैं और अक्टूबर के अंत तक 14% बढ़कर ₹64.56 लाख करोड़ पर पहुंच गए।

गोल्ड लोन क्यों बढ़ा?

RBI ने बताया कि गोल्ड लोन में अचानक आई इस तेजी की एक बड़ी वजह यह भी है कि मई 2024 से खेती-किसानी के लिए गहनों पर दिए जाने वाले लोन को भी रिटेल गोल्ड लोन की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। साथ ही पर्सनल लोन की वृद्धि में अब भी सिक्योर्ड लोन यानी गिरवी आधारित लोन का ही बड़ा योगदान है। हाउसिंग लोन में 11% की बढ़त दर्ज हुई और यह ₹31.87 लाख करोड़ तक पहुंच गया। ऑटो लोन 12.5% बढ़कर ₹6.77 लाख करोड़ हो गए, जबकि शिक्षा लोन 14.7% उछलकर ₹1.49 लाख करोड़ तक पहुंचे।

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अनसिक्योर्ड लोन की रफ्तार धीमी

इस दौरान अनसिक्योर्ड लोन की वृद्धि बहुत सीमित रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन सिर्फ 1% बढ़ा, जबकि क्रेडिट कार्ड बकाया 7.7% बढ़कर ₹3.03 लाख करोड़ हुआ। अन्य पर्सनल लोन भी 9.9% की वृद्धि के साथ ₹16.17 लाख करोड़ पर पहुंचे। आम जनता की ओर से बढ़ी लोन मांग के चलते बैंकों का कुल लोन अक्टूबर 2025 तक 11.3% बढ़कर ₹193.9 लाख करोड़ हो गया।

सर्विस सेक्टर बना ग्रोथ का इंजन

नॉन-रिटेल सेक्टर में सर्विस सेक्टर ने क्रेडिट ग्रोथ को मजबूत समर्थन दिया। इस सेक्टर को दिए गए लोन 13% बढ़कर ₹53.45 लाख करोड़ हो गए। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, शिपिंग और कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्रों में लोन विस्तार काफी तेज रहा। NBFCs को भी बैंकों से लगातार ज्यादा क्रेडिट मिल रहा है और उनका बकाया लोन 10.9% बढ़कर ₹17.04 लाख करोड़ हो गया है।

इंडस्ट्री और प्राथमिकता वाले सेक्टर

इंडस्ट्री क्रेडिट 10% बढ़कर ₹41.93 लाख करोड़ हो गया। छोटे और बहुत छोटे उद्योगों को दिए गए लोन में 25.9% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई, जबकि मझोले उद्योगों के लिए लोन में 17.6% की बढ़त हुई। बड़ी कंपनियों के लिए लोन की वृद्धि केवल 4.6% रही, जो यह संकेत देती है कि वे बैंक लोन के बजाय बॉन्ड, इक्विटी या विदेशी फंडिंग का उपयोग कर रही हैं। खेती-किसानी से जुड़े लोन 8.9% बढ़कर ₹24.03 लाख करोड़ हो गए।

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प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रिन्यूएबल एनर्जी के लिए लोन 52.1% तक बढ़ गया है। प्राथमिकता हाउसिंग लोन में 32.7% की वृद्धि हुई, जबकि माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को दिए गए लोन 25.8% बढ़े हैं। हालांकि सोशल-इन्फ्रास्ट्रक्चर और एक्सपोर्ट क्रेडिट में कमी देखने को मिली है।
 

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