Edited By Utsav Singh,Updated: 30 Nov, 2024 03:46 PM
चक्रवाती तूफान फेंगल ने तटीय क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह तूफान शनिवार की दोपहर तक पुडुचेरी के निकट पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से भारी बारिश और तेज हवाएं आ सकती हैं। चक्रवाती तूफान फेंगल के मद्देनजर प्रशासन ने...
नेशनल डेस्क : चक्रवाती तूफान फेंगल ने तटीय क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह तूफान शनिवार की दोपहर तक पुडुचेरी के निकट पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से भारी बारिश और तेज हवाएं आ सकती हैं। चक्रवाती तूफान फेंगल के मद्देनजर प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। प्रशासन का कहना है कि यह तूफान बेहद खतरनाक हो सकता है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर लोग घरों से बाहर न निकलें और आपातकालीन सेवाओं के निर्देशों का पालन करें। इस बीच आज हम यह जानेंगे कि चक्रवात क्या होता है और ये कैसे आते हैं...
आपको बता दें कि चक्रवात एक प्रकार का अत्यंत तीव्र वायुमंडलीय तूफान होता है, जो बहुत तेजी से घूमता है। इसे हम "टाइफून", "हैरीकेन" या "साइकलोन" भी कहते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं। यह एक प्रकार का दबाव क्षेत्र होता है जहां हवा तेज गति से घुमावदार तरीके से घूमती है।
चक्रवात कैसे बनता है?
चक्रवात बनने की प्रक्रिया मुख्य रूप से समुद्र में होती है, क्योंकि समुद्र का पानी गर्म होता है। जब समुद्र का तापमान बढ़ता है, तो समुद्र की सतह से गरम और नमी वाली हवा ऊपर उठने लगती है। यह गर्म हवा ऊपर की ओर चढ़ती है और ठंडी हवा उसे नीचे से भरने की कोशिश करती है। यह प्रक्रिया एक घूर्णन (स्पिन) उत्पन्न करती है। अगर यह घूर्णन तेजी से बढ़ता है और वातावरण में उच्च दबाव और निम्न दबाव का अंतर ज्यादा होता है, तो यह एक चक्रवात का रूप ले लेता है।
चक्रवात बनने की शर्तें:
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गर्म समुद्र का पानी: चक्रवात बनने के लिए समुद्र का तापमान कम से कम 27 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
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उत्तेजना (Disturbance): यह किसी मौसमी तूफान या हवा की गति में बदलाव से शुरू हो सकता है।
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सही हवा की दिशा: हवा की गति और दिशा में बदलाव से चक्रवात का निर्माण होता है।
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गहरी नमी: हवा में पर्याप्त नमी होनी चाहिए, ताकि चक्रवात का आकार बड़ा हो सके।
चक्रवात के प्रकार:
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हैरीकेन (Hurricane): यह उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र में आता है।
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टाइफून (Typhoon): यह पश्चिमी पैसिफिक महासागर में आता है, जैसे चीन, जापान, फिलीपीन आदि में।
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साइकलोन (Cyclone): यह भारतीय महासागर और आसपास के देशों में आता है।
चक्रवात कैसे चलता है?
चक्रवात हवा के दबाव में अंतर के कारण चलता है। यह कम दबाव वाले क्षेत्र से उच्च दबाव वाले क्षेत्र की ओर हवा को खींचता है, और इस घूर्णन से यह तूफान तेज होता जाता है। चक्रवात के केंद्र को "आइ" (Eye) कहा जाता है, जहां हवाएं शांत होती हैं और मौसम सामान्य होता है। लेकिन आइ के बाहर की ओर हवाएं बहुत तेज़ और खतरनाक होती हैं।
चक्रवात के प्रभाव:
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भारी वर्षा: चक्रवात के कारण भारी बारिश होती है, जो बाढ़ का कारण बन सकती है।
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तेज हवाएं: चक्रवात के दौरान हवाएं बहुत तेज़ होती हैं, जो पेड़-पौधे उखाड़ सकती हैं, घरों की छतें उड़ सकती हैं और बड़े पैमाने पर नुकसान कर सकती हैं।
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समुद्र की ऊंची लहरें: समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं, जो तटीय इलाकों में बाढ़ ला सकती हैं।
चक्रवात आने के संकेत:
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मौसम में अचानक बदलाव जैसे आंधी-तूफान और बादल बढ़ने लगना।
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समुद्र का पानी उठना और तेज हवाओं का आना।
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मौसम विभाग द्वारा चक्रवात की चेतावनी जारी होना।
चक्रवात से बचाव:
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चक्रवात आने से पहले मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
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सुरक्षित स्थानों पर रहें और घर से बाहर न निकलें।
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जरूरी आपातकालीन सामान जैसे पानी, राशन, दवाइयां, टॉर्च आदि तैयार रखें।
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यदि आप तटीय इलाकों में रहते हैं, तो सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
चक्रवात एक शक्तिशाली और खतरनाक मौसमीय घटना है, जो समुद्र के गर्म पानी से उत्पन्न होती है। यह अपने रास्ते में आने वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मचा सकता है। समय रहते सही जानकारी और सावधानी बरतने से चक्रवात के प्रभाव को कम किया जा सकता है।