Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Jul, 2025 04:16 PM

विशाखापत्तनम जा रही हीराकुंड एक्सप्रेस में मंगलवार को उस समय बड़ा हंगामा हो गया जब ट्रेन में टिकट चेक कर रहे टीटीई और एक महिला यात्री के बीच विवाद शुरू हुआ, जो बाद में महिला के जीआरपी कांस्टेबल पति के दखल के बाद और भी ज्यादा बढ़ गया। घटना इस कदर...
नेशनल डेस्क: हीराकुंड एक्सप्रेस की AC बोगी में सबकुछ सामान्य लग रहा था- यात्री अपनी सीटों पर बैठे थे, ट्रेन तेज़ रफ्तार से पटरी पर दौड़ रही थी। तभी डिब्बे में दाखिल हुआ टिकट चेकिंग अधिकारी (TTE), जो रूटीन जांच में जुटा था। लेकिन जैसे ही उसकी नजर एक महिला पर पड़ी, कहानी में चौंकाने वाला एक ट्विस्ट आया। महिला चेहरे से घबराई हुई दिखी, माथे से पसीना पोछते हुए बोली - मेरा टिकट तो नहीं है... लेकिन मेरे पति जीआरपी में हैं। इस जवाब ने ना सिर्फ टीटीई को चौंका दिया, बल्कि अगले कुछ मिनटों में ट्रेन की शांति एक बड़े बवाल में बदल गई।
दरअसल, विशाखापत्तनम जा रही हीराकुंड एक्सप्रेस में मंगलवार को उस समय बड़ा हंगामा हो गया जब ट्रेन में टिकट चेक कर रहे टीटीई और एक महिला यात्री के बीच विवाद शुरू हुआ, जो बाद में महिला के जीआरपी कांस्टेबल पति के दखल के बाद और भी ज्यादा बढ़ गया। घटना इस कदर तनावपूर्ण हो गई कि झांसी स्टेशन पहुंचते ही जीआरपी के कई जवान ट्रेन में चढ़ गए और टीटीई को जबरन नीचे उतार ले गए। इसके बाद ट्रेन बिना टीटीई के ही रवाना हो गई।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
जबलपुर डिवीजन के कटनी स्टेशन से जुड़े टीटीई दिनेश कुमार ट्रेन की सामान्य टिकट जांच कर रहे थे। बी-1 कोच की बर्थ नंबर 38 पर बैठी एक महिला से जब टिकट दिखाने को कहा गया, तो उसने बताया कि उसके पास रिजर्वेशन नहीं है और उसके पति संदीप कुमार, जो जीआरपी में कांस्टेबल हैं, उसी कोच में दूसरी सीट पर बैठे हैं। दिनेश ने जब नियमों के अनुसार टिकट दिखाने की बात पर जोर दिया, तो बहस शुरू हो गई।
पति ने पहुंचते ही बदल दिया माहौल
महिला के पति संदीप कुमार ने मौके पर पहुंचते ही टीटीई से बहस शुरू कर दी। टीटीई ने नियमों के अनुसार कार्रवाई की बात कही, लेकिन संदीप ने न सिर्फ सहयोग करने से इनकार किया, बल्कि कथित तौर पर विवाद को बढ़ा दिया। ट्रेन जैसे ही ललितपुर और फिर झांसी स्टेशन पर पहुंची, जीआरपी के अन्य जवान ट्रेन में चढ़े और दिनेश कुमार को जबरदस्ती ट्रेन से उतारकर थाने ले गए।
TTE का आरोप – मारपीट और दबाव में सुलह
टीटीई दिनेश कुमार ने अपनी लिखित शिकायत में दावा किया कि जीआरपी थाने में न केवल उनके साथ मारपीट की गई, बल्कि दबाव बनाकर सुलह पत्र पर हस्ताक्षर भी करवाए गए। उनका कहना है कि पूरी घटना न केवल रेलवे कर्मचारियों के सम्मान के खिलाफ है, बल्कि एक सिस्टम के तौर पर नियमों की अवहेलना भी है।
रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद झांसी मंडल के रेलवे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। स्थानीय टीटीई एसोसिएशन ने डीआरएम से मुलाकात कर पूरे मामले को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया और आरोपी जीआरपी जवानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
बुधवार को रेल प्रशासन, आरपीएफ और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों को मिलाकर तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो इस विवाद की तह तक जाएगी। झांसी मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) ओपी नंदीश शुक्ला ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजीपी (जीआरपी) को पत्र भेजकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।