दिल्ली में लगी रोक... अब क्या होगा पुरानी गाड़ियों का? क्या दूसरे राज्यों में चलाने की है गुंजाइश? जानिए नियम

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 03:20 PM

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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। आज यानी 1 जुलाई 2025 से क्षेत्र में 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब इन वाहनों को न तो सड़कों पर चलाया जा सकेगा और न ही...

नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। आज यानी 1 जुलाई 2025 से क्षेत्र में 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब इन वाहनों को न तो सड़कों पर चलाया जा सकेगा और न ही पेट्रोल पंपों से इन्हें ईंधन मिलेगा।

दिल्ली परिवहन विभाग ने End-of-Life Vehicles (EoL) के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। जो वाहन तय आयु सीमा पार कर चुके हैं और अब भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पकड़े जाने पर वाहन मालिक को ₹10,000 तक का चालान देना पड़ेगा, जबकि दोपहिया वाहनों की जब्ती पर ₹5,000 का जुर्माना भरना होगा।

क्या करें वाहन मालिक?
पुरानी गाड़ियों को बंद करने के बाद सवाल उठता है कि इनका क्या होगा। सरकार ने इसके लिए दो विकल्प दिए हैं:- स्क्रैप या नया रजिस्ट्रेशन?

स्क्रैपिंग सेंटर के ज़रिए गाड़ी को कबाड़ में देना:
इसके लिए वाहन मालिक को RTO से स्क्रैपिंग की अनुमति लेनी होगी और मूल दस्तावेज़ जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, फिटनेस सर्टिफिकेट, पैन और आधार कार्ड, और पता प्रमाण देना होगा। स्क्रैपिंग से पहले गाड़ी का चेसिस नंबर हटाया जाएगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अधिकृत स्क्रैपर द्वारा की जाएगी। इसके बाद वाहन स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिसे राष्ट्रीय वाहन डेटाबेस (VAHAN) में अपडेट किया जाएगा।

क्या दूसरे राज्यों में गाड़ी रजिस्टर करवा सकते हैं?
हां, लेकिन कुछ नियमों और प्रक्रियाओं के पालन के साथ। सबसे पहले दिल्ली सरकार से एनओसी (NOC) लेना जरूरी होगा। इसके बाद संबंधित राज्य में दोबारा रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

राज्यवार स्थिति इस प्रकार है:-

राजस्थान: एनसीआर क्षेत्र (अलवर, भरतपुर) को छोड़कर बाकी जिलों में गाड़ी रजिस्टर करवाई जा सकती है।

उत्तर प्रदेश: लखनऊ जैसे जिले रजिस्ट्रेशन की अनुमति देते हैं, लेकिन 38 जिलों में पुरानी गाड़ियों पर रोक है।

बिहार: कुछ जिलों में ट्रांसफर संभव है, बाकी में बैन।

हिमाचल प्रदेश: पुरानी गाड़ियों के ट्रांसफर की अनुमति नहीं है।

महाराष्ट्र: केवल 26 जिलों में रजिस्ट्रेशन की इजाजत है।

पश्चिम बंगाल: केवल BS-3 और BS-4 डीजल गाड़ियों का ट्रांसफर संभव।

मेघालय: 15 साल से कम पुरानी डीजल गाड़ियों को ही अनुमति।

राज्य दर राज्य और यहां तक कि जिलों के आधार पर भी नियम अलग-अलग हैं, इसलिए ट्रांसफर की योजना से पहले पूरी जानकारी लेना जरूरी है।

कबाड़ में देने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:-
- केवल सरकारी-मान्यता प्राप्त स्क्रैप सेंटर में ही गाड़ी दें

- RTO से स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त करें

- दस्तावेजों की डिजिटल और हार्ड कॉपी स्क्रैपर को दें

- स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र वाहन डेटाबेस में दर्ज किया जाएगा

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