Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Sep, 2025 01:16 PM

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 10 नवंबर 2023 को हुई नियर मिस घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने पूरी कर ली है। इस जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि एक डिपार्टिंग इथियोपियन एयरलाइंस के विमान और रनवे पर...
नेशनल डेस्क: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 10 नवंबर 2023 को हुई नियर मिस घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने पूरी कर ली है। इस जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि एक डिपार्टिंग इथियोपियन एयरलाइंस के विमान और रनवे पर उतर रही विस्तारा की फ्लाइट के बीच बेहद खतरनाक टकराव होने वाला था, जिसे आखिरी क्षण में बचाया गया। इस मामले में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की भारी कार्यभार और एक गलत निर्णय ने स्थिति को और गंभीर बना दिया था।
क्या था पूरा मामला?
उस दिन इथियोपियन एयरलाइंस का बोइंग 787 विमान रनवे 29R से टेकऑफ कर रहा था, जबकि इसी समय विस्तारा का एयरबस A320 विमान रनवे 29L पर लैंड करने की कोशिश में था। तेज हवा के झोंके (विंड शीयर) के कारण विस्तारा की लैंडिंग रद्द करनी पड़ी और उसे मिस्ड अप्रोच करना पड़ा। इस दौरान दोनों विमानों की दूरी इतनी कम हो गई कि उनके टक्कर से बचने के लिए ट्रैफिक कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) ने दो बार तुरंत अलग-अलग दिशाओं में जाने का अलर्ट जारी किया।
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की गलती ने बढ़ाई घटना की गंभीरता
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त एयर ट्रैफिक कंट्रोलर पर इतना भारी काम का दबाव था कि वे समय पर सही फैसले नहीं ले पाए। इस स्थिति को ‘कॉग्निटिव ओवरलोड’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि कंट्रोलर को एक साथ कई सुरक्षा से जुड़े काम संभालने थे। रिपोर्ट में कंट्रोलर की सिचुएशनल अवेयरनेस यानी हालात को समझने की क्षमता की कमी को मुख्य कारण बताया गया है।
रनवे की स्थिति और खराब मौसम ने बनाया हालात और चुनौतीपूर्ण
रिपोर्ट में उल्लेख है कि उस समय इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तीन रनवे सक्रिय थे — रनवे 29L पर लैंडिंग, 29R से टेकऑफ, और 27 रनवे पर भी संचालन चल रहा था। तेज हवाओं और खराब मौसम की वजह से टेकऑफ और लैंडिंग विमानों की स्थितियां एक-दूसरे पर निर्भर हो गई थीं, जिससे स्थिति जटिल हो गई।
कंट्रोलर की और गलतियां
जब विस्तारा ने लैंडिंग कैंसिल की, तो इथियोपियन विमान अभी टैक्सीवे पर था। यदि कंट्रोलर ने टेकऑफ क्लीयरेंस तुरंत रद्द कर दिया होता, तो टक्कर से बचा जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद जब खतरा बढ़ा, तो कंट्रोलर ने विस्तारा की फ्लाइट से ऊंचाई की पुष्टि की बजाय इथियोपियन विमान को गलत दिशा निर्देश दिया, जिससे दोनों विमानों की दूरी और कम हो गई।
AAIB की सिफारिशें
इस घटना की जांच पूरी होने के बाद AAIB ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को कई सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह दी है। इनमें एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स पर काम का बोझ कम करना, बेहतर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स लागू करना, और कंट्रोलर्स की सिचुएशनल अवेयरनेस बढ़ाने के उपाय शामिल हैं। इसके साथ ही, संकट के समय तेजी से सही निर्णय लेने के लिए तकनीकी मदद और सपोर्ट सिस्टम मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।