Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Nov, 2025 04:51 PM

सोशल मीडिया पर 'हसीन दुनिया' का लालच देकर नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले एक बड़े रैकेट का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तिलक नगर के गणेश नगर इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर सात महिलाओं सहित कुल नौ लोगों को...
नेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पर 'हसीन दुनिया' का लालच देकर नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले एक बड़े रैकेट का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तिलक नगर के गणेश नगर इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर सात महिलाओं सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अब तक 40 से अधिक लोगों को एयरलाइन क्रू की नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है।
OLX पर देते थे नौकरी का झांसा
इस ठगी के शिकार हुए लगभग सभी पीड़ितों की कहानी एक जैसी थी। पीड़ितों ने नौकरी की तलाश में अपना नाम ऑनलाइन क्लासिफाइड प्लेटफॉर्म ओएलएक्स (OLX) पर रजिस्टर किया था। नाम रजिस्टर होते ही उनके पास एयरलाइंस में क्रू मेंबर बनने के लुभावने ऑफर आने शुरू हो गए। टेली-कॉलर्स, जो खुद को बड़ी एयरलाइन कंपनी का स्टाफ बताते थे पीड़ितों को एयरलाइन क्रू की बेहद शानदार जीवनशैली का सपना दिखाते थे। नौकरी के लिए 'हां' मिलते ही गिरोह ने सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर पीड़ितों से ₹2,500 की मांग की।
चरणों में वसूली जाती थी मोटी रकम
एक बार जब पीड़ित झांसे में आ जाते थे तो गिरोह उनसे अलग-अलग बहाने बनाकर मोटी रकम वसूलता था:
| बहाना |
वसूली गई रकम |
| यूनिफॉर्म और जूते |
₹5,000 से ₹8,000 |
| सैलरी अकाउंट खुलवाना |
₹10,000 से ₹15,000 |
जैसे ही पैसा मिल जाता था गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर बंद हो जाते थे। ज्यादातर पीड़ित छोटी रकम होने के कारण शिकायत नहीं करते थे और शांत बैठ जाते थे।
एक शिकायत से खुला राज
गिरोह की किस्मत तब फूटी जब पीड़ितों में से एक ने हिम्मत दिखाई और अपनी शिकायत लेकर दिल्ली पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने इस शिकायत पर कार्रवाई शुरू की और तकनीकी डेटा की मदद से फर्जी कॉल सेंटर तक पहुंची।
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फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल: जांच में सामने आया कि इस रैकेट में एक टेलीकॉम कंपनी का स्टाफ भी शामिल था। यह स्टाफ ग्राहकों की बायोमेट्रिक जानकारी का गलत इस्तेमाल करके उनके नाम से फर्जी सिम कार्ड जारी करता था जिनका उपयोग ठगी के लिए किया जाता था।
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कॉल सेंटर का काम: गिरफ्तार की गई महिलाओं को इस कॉल सेंटर पर काम करने के एवज में ₹15,000 महीना दिया जाता था।
40 से अधिक शिकायतों से जुड़ा रैकेट
तकनीकी जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए मोबाइल नंबर और आईएमईआई (IMEI) नंबर देश भर में दर्ज 40 से अधिक साइबर फ्रॉड शिकायतों से जुड़े हुए थे। इससे स्पष्ट होता है कि यह गिरोह एक बड़े और सुनियोजित साइबर फ्रॉड नेटवर्क का हिस्सा था, जो OLX जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर एयरलाइन जॉब के नाम पर देशभर के युवाओं को ठग रहा था।